कोटा, 22 जुलाई 2025: डिजिटल इंडिया पहल के तहत रेलवे में कैशलेस लेनदेन को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। पश्चिमी-मध्य रेलवे (पमरे) ने जून 2025 में डिजिटल लेनदेन में शानदार प्रदर्शन किया है। इस अवधि में 13 लाख से अधिक यात्रियों ने डिजिटल माध्यम से भुगतान किया, जिससे जोन को करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है।
पमरे द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जून माह में कुल 13 लाख 56 हजार 833 यात्रियों ने डिजिटल माध्यमों से बुकिंग की, जिससे 10 करोड़ 45 लाख 50 हजार 845 रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है।
जोन के जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडलों में यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) काउंटरों, अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) काउंटरों और पार्सल कार्यालयों पर कुल 45 पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनों के माध्यम से कैशलेस ट्रांजेक्शन की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, भीम यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) और मोबाइल टिकटिंग के माध्यम से भी डिजिटल भुगतान स्वीकार किए जा रहे हैं।
विभिन्न डिजिटल माध्यमों से प्राप्त राजस्व का विवरण इस प्रकार है:
पीआरएस काउंटर्स (पीओएस मशीनों से): 1,810 यात्रियों से 15 लाख 30 हजार 570 रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।
भीम ऐप/यूपीआई (पीआरएस): 79,479 यात्रियों से 4 करोड़ 25 लाख 96 हजार 750 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
यूटीएस में मोबाइल टिकटिंग: जून माह में पश्चिमी-मध्य रेलवे को इस माध्यम से सबसे बेहतर परिणाम प्राप्त हुए, जिसमें 6 लाख 73 हजार 737 यात्रियों से 1 करोड़ 45 लाख 44 हजार 930 रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।
भीम ऐप/यूपीआई (यूटीएस): 6 लाख 01 हजार 807 यात्रियों से 4 करोड़ 57 लाख 78 हजार 595 रुपये का राजस्व अर्जित हुआ।
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि रेलवे सेवाओं में डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है, जिससे पारदर्शिता आने के साथ-साथ रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि हो रही है।
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