जिला मुख्यालय। शुक्रवार दोपहर जिला मुख्यालय स्थित सामान्य चिकित्सालय में अचानक आग लगने की सूचना से कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। इस सूचना ने न केवल अस्पताल परिसर, बल्कि पूरे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा दिया।
सूचना मिलते ही नगर परिषद की दमकल गाड़ियां, पुलिस बल और तमाम प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुँच गए। हालाँकि, थोड़ी देर बाद स्थिति स्पष्ट हुई और पता चला कि यह आग लगने की अफवाह नहीं, बल्कि जिला प्रशासन द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल थी। इस अभ्यास का उद्देश्य आपात स्थिति में विभिन्न विभागों की तत्परता और समन्वय का रीयलटाइम मूल्यांकन करना था।
जिला कलक्टर काना राम ने मीडिया को बताया कि इस अभ्यास का मुख्य मकसद आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता का आकलन करना था। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक संकट की स्थिति में जनहानि को रोका जा सके और त्वरित कार्रवाई हो।
यह मॉक ड्रिल एक तरह से आपदा प्रबंधन तैयारियों की रीयलटाइम जाँच थी, जिसमें विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया समय (Response Time) को परखा गया।
इस महत्वपूर्ण ड्रिल के दौरान पीएमओ डॉ. तेजराम मीणा, नगर परिषद आयुक्त देवेंद्र जिंदल, थाना अधिकारी हरलाल मीणा, चिकित्सा स्टाफ, दमकलकर्मी और सुरक्षा कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने अपनी-अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए आपात स्थिति से निपटने का अभ्यास किया।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी इस प्रकार की मॉक ड्रिलें समय-समय पर आयोजित की जाएंगी ताकि आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। यह कदम जन सुरक्षा के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है।
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