PKC-ERCP: राजस्थान के 21 जिलों को मिलेगा पेयजल का तोहफा

PKC-ERCP: राजस्थान के 21 जिलों को मिलेगा पेयजल का तोहफा

जयपुर : भजनलाल सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट, पीसीके-ईआरसीपी (Parbati Kalia Kundli-Eastern Rajasthan Canal Project) के पहले चरण के तहत राज्य के 21 जिलों को पेयजल उपलब्ध करवाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पहले चरण के फेज बी के टेंडर जारी कर दिए गए हैं।

लाखों लोगों को मिलेगा चंबल का पानी

पीसीके-ईआरसीपी परियोजना के पहले चरण में करीब 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसके तहत लाखों लोगों को चंबल का पानी मिल सकेगा। पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के पहले चरण के तीन पैकेज का शिलान्यास किया था और अब पहले चरण के फेज बी के तहत पांच पैकेज के टेंडर जारी किए गए हैं। इन टेंडरों को 12 फरवरी को खोला जाएगा और इसके बाद धरातल पर काम शुरू हो जाएगा।

परियोजना के प्रमुख पहलू

  • मेज नदी पर मेज बैराज: करीब 120 एमक्यूएम क्षमता का यह बैराज नौनेरा बैराज से लिफ्ट किए गए चंबल के पानी को प्राप्त करेगा।
  • चंबल नदी पर एक्वाडक: चंबल नदी पर 2.22 किलोमीटर लंबा एक्वाडक बनाकर पानी को मेज बैराज तक पहुंचाया जाएगा।
  • ईसरदा से रामगढ़ बांध: करीब 116 किलोमीटर लंबी नहर और पाइपलाइन के माध्यम से ईसरदा से रामगढ़ बांध तक पानी पहुंचाया जाएगा।
  • बीसलपुर से अजमेर: नहरी तंत्र और पाइप लाइनों के माध्यम से अजमेर तक करीब 200 एमक्यूएम पानी पहुंचाया जाएगा।
  • ईसरदा से बंध बरेठा: करीब 190 किलोमीटर लंबी नहर के माध्यम से पानी को बंध बरेठा तक पहुंचाया जाएगा।
  • खोरा चैनपुरा से अलवर: नहरी तंत्र और पाइप लाइनों के माध्यम से पानी को जयसमंद बांध तक पहुंचाया जाएगा। इस मार्ग पर करीब 8 किलोमीटर लंबी टनल भी बनाई जाएगी।

परियोजना के लाभ

  • राज्य के 21 जिलों को पेयजल की समस्या से निजात मिलेगी।
  • कृषि क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा।
  • क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

भविष्य की योजनाएं

सरकार पहले चरण में पेयजल की आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके लिए चंबल से करीब 1200 एमक्यूएम पानी लिया जाएगा। ईसरदा, बंध बरेठा, जयसमंद बांध, टोरडी सागर बांध, लांबा हरिसिंह बांध सहित कई जगह पंप हाउस बनाकर पानी को आगे पहुंचाया जाएगा। वर्ष 2025 में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू होगी ताकि परियोजना समय पर पूरी हो सके।

निष्कर्ष

पीसीके-ईआरसीपी परियोजना राजस्थान के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी। यह परियोजना न केवल राज्य के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराएगी बल्कि कृषि क्षेत्र को भी बढ़ावा देगी और क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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