कोटा। रेलवे माल डिब्बा मरम्मत कारखाना (वर्कशॉप) कोटा में ठेका प्रथा बढ़ने से नियमित रेलवे कर्मचारी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। वर्तमान में वर्कशॉप का लगभग 40 प्रतिशत काम ठेके पर दिया जा चुका है, जिसके चलते बड़ी संख्या में ठेकेदार के कर्मचारी वर्कशॉप में कार्यरत हैं। अलग-अलग व्यवस्था न होने के कारण रेलवे कर्मचारियों को भी इन ठेका कार्यों में ठेकाकर्मियों के साथ काम करना पड़ रहा है, और इस मिलीजुली व्यवस्था में किसी भी गलती की स्थिति में जिम्मेदारी अक्सर नियमित रेल कर्मचारियों पर ही थोपी जा रही है। इसके परिणामस्वरूप, बड़ी संख्या में कर्मचारियों को धड़ल्ले से चार्ज शीटें थमाई जा रही हैं।
यूनियन ने किया विरोध, जांच की मांग स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन ने इस स्थिति का कड़ा विरोध जताया है। यूनियन ने मुख्य कारखाना प्रबंधक को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है। पत्र में यूनियन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि समय रहते इस व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
'चुन-चुन कर दी जा रही चार्ज शीटें' यूनियन के अध्यक्ष गजेंद्र शर्मा ने अपने पत्र में एक गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि यह चार्ज शीटें विशेष रूप से उन कर्मचारियों को थमाई जा रही हैं जो मान्यता प्राप्त संगठनों का समर्थन नहीं करते हैं। वहीं, दूसरी ओर, जो कर्मचारी इन संगठनों का समर्थन करते हैं, उनकी ड्यूटी लगातार उन स्थानों पर लगाई जा रही है जहाँ उन्हें इंसेंटिव (प्रोत्साहन राशि) मिलने की संभावना अधिक होती है। यह स्थिति कर्मचारियों के बीच भेदभाव और असंतोष को बढ़ा रही है।
इस पूरे मामले ने वर्कशॉप के कर्मचारियों के बीच तनाव बढ़ा दिया है, और यूनियन की चेतावनी के बाद यह मुद्दा अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
#कोटारेलवे #रेलवेवर्कशॉप #ठेकाप्रथा #कर्मचारीउत्पीड़न #चार्जशीट #यूनियनविरोध #आंदोलनकीचेतावनी #रेलकर्मी #श्रमिकअधिकार
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.