जोधपुर। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जोधपुर दौरे के दौरान शेखावत ने स्पष्ट किया कि गहलोत ने उनकी दिवंगत मां पर गंभीर और झूठे आरोप लगाए हैं, जो किसी भी सूरत में माफी के काबिल नहीं हैं। उन्होंने गहलोत द्वारा मानहानि का केस वापस लेने की मंशा को सिरे से खारिज करते हुए साफ कहा कि इस मामले में कोई समझौता नहीं होगा।
सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत ने सर्किट हाउस के बाहर उनकी स्वर्गीय मां के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसे वे जीवन भर नहीं भूल सकते। उन्होंने गहलोत के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने मीडिया के जरिए माफी मांगने की बात कही थी।
शेखावत ने इसे 'ओछी राजनीति' करार देते हुए कहा कि गहलोत को सामने आकर बात करनी चाहिए थी, न कि मीडिया के माध्यम से संदेश देने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने भावुक होकर सवाल किया, "क्या मेरी मां अब वापस आएंगी और उनके आरोपों पर सफाई देंगी?"
शेखावत ने इस दौरान गहलोत और कांग्रेस पर आपातकाल को लेकर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि गहलोत अब आपातकाल की आलोचना कर रहे हैं, जबकि उन्हीं की पार्टी की सरकार ने उस दौरान संवैधानिक संस्थाओं और मीडिया का गला घोंटा था। शेखावत ने कांग्रेस पर लोकतंत्र को कुचलने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब वही लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं।
उन्होंने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि भारत ने लंबी गुलामी के बाद स्वतंत्रता हासिल की, जिसमें लाखों लोगों ने बलिदान दिया। भारत न केवल विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि वैदिक काल से चला आ रहा प्राचीनतम गणतंत्र भी है। उन्होंने आपातकाल के दौरान हुए अत्याचारों का जिक्र किया, जिसमें लाखों लोगों ने जबरन नसबंदी, जेल और यातनाएं सहीं।
शेखावत ने पूछा, "क्या उस पीड़ा को भुलाया जा सकता है? मौलिक अधिकारों के हनन और संविधान की हत्या को क्या माफ किया जा सकता है?" उन्होंने आपातकाल को लोकतंत्र के खिलाफ एक अपराध बताया, जिसे देश कभी नहीं भूल सकता। शेखावत ने स्पष्ट किया कि गहलोत के बयान और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब वे हर मंच पर देंगे।
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