कोटा। कोटा मंडल रेल प्रशासन द्वारा जारी लोको पायलटों की पदोन्नति लिस्ट ने कर्मचारियों के बीच बवाल खड़ा कर दिया है। इस लिस्ट में कुल 21 लोको पायलटों में से 5 अनुसूचित जाति (SC), 15 अनुसूचित जनजाति (ST) और मात्र 1 जनरल श्रेणी का लोको पायलट शामिल है। इस लिस्ट के सामने आने के बाद से रेलवे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।
मामले को लेकर ओबीसी एसोसिएशन ने बुधवार को डीआरएम अनिल कालरा के समक्ष गहरी नाराजगी व्यक्त की। एसोसिएशन के पदाधिकारी पुरुषोत्तम यादव ने कहा कि रेलवे में यह बहुत गलत काम हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी मनमानी करते हुए नियम विरुद्ध तरीके से कर्मचारियों को पदोन्नत कर रहे हैं, और लोको पायलटों की ताजा पदोन्नति लिस्ट इसका स्पष्ट प्रमाण है।
यादव ने बताया कि इस लिस्ट में 21 में से 15 एसटी श्रेणी के लोको पायलटों को पदोन्नत कर दिया गया है, जबकि नियमानुसार 7.5 प्रतिशत पदों पर ही एसटी कर्मचारियों को पदोन्नति दी जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि इस लिस्ट में यह आंकड़ा 75 प्रतिशत से भी अधिक पहुंच गया है। इससे जनरल श्रेणी के कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है, और वे बिना पदोन्नति के ही रिटायर होने को मजबूर हैं। यादव ने यह भी कहा कि 30 से 40 प्रतिशत पदों पर रिजर्व कैटेगरी का कब्जा हो गया है।
इस बैठक में मौजूद एससी-एसटी एसोसिएशन के पदाधिकारी अभय मीणा ने ओबीसी एसोसिएशन के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कर्मचारियों की पदोन्नति रेलवे बोर्ड के नियमानुसार ही हो रही है और इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
डीआरएम अनिल कालरा ने इस पूरे मामले को दिखवाने की बात कही है। यह विवाद रेलवे में पदोन्नति नियमों और आरक्षण नीतियों पर फिर से बहस छेड़ सकता है।
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