कोटा। पत्नी सपना मीणा के डमी अभ्यर्थी से नौकरी लगने के आरोप को लेकर पति मनीष मीणा शिकायत लेकर मंगलवार को फिर से डीआरएम ऑफिस पहुंचे। यहां पर मनीष अपने माता-पिता और परिजनों के साथ डीआरएम ऑफिस मुख्य प्रवेश द्वार पर धरने पर बैठ गए। मनीष के अपने माता-पिता के साथ धरने की सूचना पर कुछ ही देर बाद आरपीएफ भी मौके पर पहुंच गई। आरपीएफ ने माता-पिता सहित मनिष को गेट से हटाने की कौशिश की। लेकिन मनीष और माता-पिता ने सपना के खिलाफ ठोस कार्रवाई किए बिना गेट से हटने से इनकार कर दिया। इस बाद को लेकर आरपीएफ की मनीष और उसके माता-पिता से काफी बहस भी हुई। हंगामा होते देख मौके पर कई कर्मचारी भी एकत्रित हो गए।
बाद में कर्मचारियों ने मनीष को डीआरएम से मिलाने की बात कही। इस पर मनीष ने कहा कि वह छह से अधिक समय पहले ही रेलवे प्रशासन को पूरे मामले से अवगत करा चुके हैं। करीब एक महीने पहले नए डीआरएम साहब को भी पूरा मामला बता चुके हैं। लेकिन प्रशासन निलंबन के अलावा सपना के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझ रहा। जबकि इतने गंभीर मामले, पूरे सबूत होने और छह महीने जांच के बाद भी सपना को नौकरी से बर्खास्त नहीं किया जा रहा। इसके बाद काफी प्रयास के बाद मनीष डीआरएम अनिल कालरा से फिर मिलने को तैयार हुआ।
कालरा ने मनीष को बताया कि मामले में कार्रवाई की जा रही है। हो सकता है ठोस परिणाम आने में छह महीने लग जाएं, लेकिन उनकी कोशिश है कि मामला जल्द किसी अंजाम तक पहुंचे। इसके लिए डीआरएम ने मनीष से फिर से एक बार पूरे मामले की कागजात मांगे हैं। कालरा के आश्वासन के बाद मनीष डीआरएम ऑफिस से बाहर आ गया।
बाहर निकलकर मनीष ने मीडिया को बताया कि इस पूरे मामले में कई बड़े अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। यह बड़े अधिकारी और कर्मचारी उसकी हर गतिविधि पर नजर भी रखे हुए हैं। मनीष ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ही संभवत: सपना के खिलाफ ठोस कार्रवाई में इतना अधिक समय लग रहा है। तब तक अधिकारी रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना संभव नहीं रह जाएगा। मनीष ने प्रश्न किया कि पूरे ठोस सबूत और जांच होने के बाद भी किसी के खिलाफ कार्रवाई में एक साल लग जाए तो इसका क्या फायदा। तब तक मुख्य आरोपी आसानी से बच जाएंगे।
मीडिया से बातचीत के दौरान मनीष के माता-पिता फूट-फूट कर रोते नजर आए। रोते हुए ही इन्होंने भी सपना पर नौकरी लगने के बाद धोखा देने का आरोप लगाया।
मनीष ने मीडिया को इन अधिकारियों और कर्मचारियों से अपने आप को गंभीर खतरा बताया। मनीष ने कहा कि यह लोग उसकी हत्या तक करवा सकते हैं। मनीष ने कहा कि इसकी शिकायत उसने भीमगंजमंडी थाने में भी कर रखी है। आज भी घोटाले में शामिल कर्मचारी उसकी रैकिंग कर रहे थे। उसकी सूचना पर पुलिस कर्मचारी को थाने भी ले गई।
मनीष ने बताया कि सपना के साथ एक अन्य महिला कर्मचारी भी शामिल है। यह भी डमी अभ्यर्थी के द्वारा फर्जी तरीके से नौकरी लगी थी। सपना के साथ यह भी निलंबित है।
मनीष ने बताया कि प्रशासन द्वारा सपना को फिलहाल चार्जशीट (एसएफ-5) थमाने की जानकारी सामने आ रही है। संभव है इस चार्जशीट के जवाब के बाद ही प्रशासन सपना के खिलाफ कोई कार्रवाई करे।
उल्लेखनीय है कि करौली जिला निवासी मनीष का आरोप है कि सपना मीणा की नौकरी डमी अभ्यर्थी के रूप में फर्जी तरीके से लगी है। इसके लिए उसने खेत गिरवी रखकर 15 लाख रुपए खर्च किए हैं। यह पैसे उसने सपना के रिश्तेदार कोटा के एक रेल कर्मचारी को दिए हैं। इसके उसके पास पूरे सबूत हैं। मनीष ने बताया कि नौकरी लगने के बाद सपना उससे अलग हो गई। करीब दो साल से वह उससे अलग ही रह रही है।
हालांकि सपना फर्जी नौकरी के आरोपों को पूरी तरह नकार चुकी हैं। अधिकारी भी इस पूरे मामले में जांच की बात कह रहे हैं।
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