सवाई माधोपुर, 29 जुलाई 2025। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा सूचना केंद्र स्थित वाचनालय में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्य फोकस बाघ संरक्षण में युवा पीढ़ी की भूमिका पर रहा।
संगोष्ठी में ब्यूरो के प्रभारी नेमीचंद मीणा ने बाघों के महत्व, उनके संरक्षण की आवश्यकता, सामने आने वाली समस्याओं और चुनौतियों के साथ-साथ इन प्रयासों में युवा पीढ़ी के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस दुनिया भर में बाघों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण स्मरण है। इस दिवस की स्थापना जंगल में बाघों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और संरक्षण प्रयासों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी। मीणा ने यह भी बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का मुख्य उद्देश्य बाघों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनकी घटती आबादी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाना है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने "हमारा संविधान, हमारा पर्यावरण" सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि यह टाइगर संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने टाइगर संरक्षण से वनों की सुरक्षा, पर्यावरण और पर्यटन स्थलों पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में वरिष्ठ सहायक किरोड़ी लाल मीणा ने भी बाघ संरक्षण को लेकर अपने विचार साझा किए।
इस दौरान उपस्थित विद्यार्थियों के लिए एक मौखिक प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया, जिसमें विजेताओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। यह आयोजन युवाओं में वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ।
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