यदि आप शोर-शराबे से दूर प्रकृति की शांति और इतिहास की भव्यता का एक साथ अनुभव करना चाहते हैं, तो राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सिलीसेढ़ झील (Siliserh Lake) आपके लिए एक आदर्श गंतव्य है।
इस खूबसूरत झील का निर्माण सन 1845 में महाराजा विनय सिंह द्वारा करवाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य उस समय अलवर शहर की जल आपूर्ति सुनिश्चित करना था। झील के किनारे बना सिलीसेढ़ पैलेस, जिसे महाराजा ने अपनी रानी शीला के लिए बनवाया था, आज एक हेरिटेज होटल में तब्दील हो चुका है और पर्यटकों को राजसी ठाठ-बाट का अहसास कराता है।
नौकायन (Boating): झील के शांत पानी में बोटिंग करना यहाँ का सबसे रोमांचक अनुभव है। पानी के बीच से अरावली की पहाड़ियों का दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।
प्रवासी पक्षी: सर्दियों के मौसम में यह झील विदेशी पक्षियों का बसेरा बन जाती है, जो पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफर्स के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
सनसेट पॉइंट: ढलते सूरज की किरणें जब झील के पानी पर पड़ती हैं, तो पूरा नजारा सुनहरा हो उठता है।
करीब ही है सरिस्का: सिलीसेढ़ झील की यात्रा को आप सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) के भ्रमण के साथ जोड़ सकते हैं, जो यहाँ से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
अरावली की हरी-भरी पर्वत श्रृंखलाओं से घिरी यह झील न केवल सुकून देती है, बल्कि राजस्थान के शाही इतिहास की झलक भी दिखाती है। मानसून और सर्दियों के दौरान यहाँ की ठंडी हवाएँ और चारों ओर फैली हरियाली इसे एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बनाती हैं।
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