राजस्थान के 199 विधानसभा क्षेत्रों में 'SIR' शुरू:  दो जगह नाम पर होगी सज़ा, जानिए आपको क्या करना है,

राजस्थान के 199 विधानसभा क्षेत्रों में 'SIR' शुरू: दो जगह नाम पर होगी सज़ा, जानिए आपको क्या करना है,

जयपुर। राजस्थान में उपचुनाव वाले अंता विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर अन्य 199 विधानसभा क्षेत्रों में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR - Special Intensive Revision) का आगाज़ हो गया है। बिहार के अनुभवों से सीख लेते हुए, राजस्थान निर्वाचन विभाग ने SIR की घोषणा से पहले ही मौजूदा मतदाता सूचियों का 2002 की सूचियों से मिलान कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तैयारी के चलते प्रदेश के 70.55 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं से अब कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे।

SIR में राजस्थान सबसे आगे

नवीन महाजन ने बताया कि बिहार में पहले चरण में दस्तावेज मांगने से जो विवाद हुआ, उसी समय राजस्थान ने मतदाताओं की मैपिंग शुरू कर दी थी।

  • रिकॉर्ड मिलान: मतदाता सूचियां फ्रीज होने से पहले तक 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं के नाम का 2002 की सूची से मिलान हो चुका है।

  • दस्तावेज: जिन मतदाताओं के नाम 2002 की सूची में मिल गए हैं, उनसे अब कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। जिनका नाम नहीं मिलेगा, उन्हें दस्तावेज के लिए नोटिस जारी होगा।

  • अग्रणी राज्य: निर्वाचन आयोग के पोर्टल ईसीआई नेट पर प्रदेश की वोटर मैपिंग 49.37 प्रतिशत हो चुकी है, जो SIR वाले सभी 12 राज्यों में राजस्थान को सबसे आगे रखती है (गुजरात में यह आंकड़ा मात्र 5.73 प्रतिशत है)।

बीएलओ तीन बार आएंगे घर, दो जगह नाम पर होगी सज़ा

SIR प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) और निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं।

  • बीएलओ की जिम्मेदारी: फॉर्म भरवाने के लिए बीएलओ हर घर तीन बार जाएंगे। यदि फिर भी कोई नहीं मिला तो बीएलओ नोटिस चस्पा करके फॉर्म छोड़कर आएंगे।

  • ऑनलाइन सुविधा: हर फॉर्म पर क्यूआर कोड होगा और इसे ऑनलाइन भी भरा जा सकेगा।

  • दो जगह नाम: महाजन ने बताया कि देशभर की मतदाता सूचियां मिल गई हैं, जिससे दो जगह नाम वाले मतदाताओं की पहचान हो सकेगी। जानबूझकर दो जगह नाम रखने पर एक साल की सज़ा का प्रावधान है।

SIR का लक्ष्य और आगामी तिथि

इस प्रक्रिया में अब मतदाताओं का बाहरी मतदाता सूचियों से मिलान किया जाएगा, जिससे उन लोगों का पता लग सकेगा जो 2002 में अन्य राज्य में मतदाता थे और अब राजस्थान में रहते हैं।

  • ड्राफ्ट सूची: ड्राफ्ट मतदाता सूची तैयार कर 9 दिसंबर को जारी की जाएगी।

  • हटाए जाएंगे नाम: इसमें मृत, स्थायी रूप से बाहर जा चुके और दो जगह नाम वाले मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। साथ ही, नाम जोड़ने का फॉर्म भी भरवाया जाएगा और घुमंतू परिवारों तक भी फॉर्म पहुंचाया जाएगा।

अधिकारियों के तबादलों पर पाबंदी

महाजन ने बताया कि अब बीएलओ से लेकर कलेक्टर तक SIR में लगे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादलों पर पाबंदी लग गई है। अब निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद ही तबादला हो सकेगा।


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