जयपुर। बीती रात राजस्थान की नौकरशाही में अचानक बड़ा बदलाव देखने को मिला जब राज्य के मुख्य सचिव (CS) सुधांश पंत का अचानक दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया। 1991 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पंत को उनकी सेवानिवृत्ति से लगभग 13 महीने पहले ही मुख्य सचिव का पद छोड़ना पड़ा है। उन्हें केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है।
इस अचानक हुए ट्रांसफर ने प्रशासनिक हलकों में कई अटकलें तेज कर दी हैं। आधिकारिक तौर पर यह नियुक्ति केंद्र में रिक्त पद भरने के लिए है, लेकिन सूत्रों ने ट्रांसफर के पीछे तीन बड़े कारण बताए हैं:
सुधांश पंत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी अफसर माना जाता है। वे पहले भी केंद्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं और कोविड प्रबंधन में उनकी भूमिका सराहनीय रही थी। प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा है कि उनका दिल्ली लौटना उनकी केंद्र सरकार से निकटता का परिणाम है और वे राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं।
कहा जा रहा है कि मुख्य सचिव सुधांश पंत अपने प्रशासनिक फैसलों में अनदेखी से काफी नाराज थे।
पसंदीदा अधिकारियों को जगह नहीं: सूत्रों के अनुसार, ट्रांसफर और पोस्टिंग में उनके पसंदीदा अधिकारियों को जगह नहीं दी जा रही थी। उदाहरण के तौर पर, डेपुटेशन पर आए एक आईपीएस अधिकारी को भी उनकी सिफारिश के मुताबिक पोस्टिंग नहीं मिली।
CMO से अनबन: जानकारी के मुताबिक, इस बात को लेकर भी असंतोष था कि विभागीय महत्वपूर्ण फाइलें मुख्य सचिव को दरकिनार कर सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में तैनात आईएएस अधिकारी के पास भेजी जा रही थीं, जबकि सामान्यतः फाइलें CS के माध्यम से ही CMO तक पहुंचती हैं।
बताया जाता है कि जून 2025 में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आलोक गुप्ता का तबादला होने के बाद से सुधांश पंत को कुछ हद तक साइडलाइन कर दिया गया था। इसके बाद महत्वपूर्ण प्रशासनिक फैसले CMO में तैनात अन्य आईएएस अधिकारी लेने लगे। पंत और CMO के बीच अनबन की खबरें भी समय-समय पर सामने आती रहीं, हालांकि इसे कभी खुले तौर पर स्वीकार नहीं किया गया।
सुधांश पंत ने पूर्व मुख्य सचिव उषा शर्मा के रिटायरमेंट के बाद 1 जनवरी 2024 को राजस्थान के मुख्य सचिव के रूप में पदभार संभाला था। उन्होंने भजनलाल शर्मा सरकार के गठन के साथ नई टीम को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें वित्तीय स्थिरता और केंद्र-राज्य समन्वय पर उनका विशेष जोर रहा।
यह पहला मौका नहीं है जब राजस्थान के मुख्य सचिव को समय से पहले दिल्ली ट्रांसफर किया गया हो। 2013 में वसुंधरा राजे सरकार के दौरान भी मुख्य सचिव राजीव महर्षि का दिल्ली ट्रांसफर हुआ था।
फिलहाल, पंत का अचानक जाना राजस्थान ब्यूरोक्रेसी में एक बड़ा मोड़ है। राज्य में अब नए मुख्य सचिव की दौड़ तेज हो गई है, जिसका फैसला जल्द ही स्पष्ट होगा।
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