राजस्थान में प्रारंभिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और छोटे बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। शिक्षा निदेशालय ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को पढ़ाएंगे।
शासन सचिव के निर्देश के बाद शिक्षा निदेशालय ने यह कदम उठाया है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि जिन आंगनबाड़ी केंद्रों का सरकारी स्कूलों से भौतिक या प्रशासनिक जुड़ाव है, वहां के 5 से 6 साल के बच्चों को स्कूल के लेवल-1 ग्रेड थर्ड शिक्षक बतौर मेंटोर पढ़ाएंगे।
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य बच्चों को बेहतर प्रारंभिक शिक्षा की नींव देना और उन्हें स्कूली माहौल के लिए मानसिक रूप से तैयार करना है। इसके लिए सभी संभागीय संयुक्त निदेशकों को पत्र भेजकर इस व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षक न केवल इन बच्चों को पढ़ाएंगे, बल्कि उन्हें मार्गदर्शन भी देंगे, ताकि वे आगे की कक्षाओं के लिए तैयार हो सकें। विभाग का मानना है कि प्रशिक्षित शिक्षकों के मार्गदर्शन से बच्चों की शिक्षा की नींव मजबूत होगी, उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी और प्राथमिक शिक्षा का स्तर भी सुधरेगा।
इस पहल से न केवल बच्चों का नामांकन बढ़ेगा, बल्कि उनका स्कूल के साथ जुड़ाव भी सुनिश्चित हो सकेगा। यह कदम राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
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