राजस्थान की रहस्यमयी बावड़ी… जिसकी सुरंग में समा गई थी पूरी बारात; आज तक बना हुआ है रहस्य

राजस्थान की रहस्यमयी बावड़ी… जिसकी सुरंग में समा गई थी पूरी बारात; आज तक बना हुआ है रहस्य

चांद बावड़ी का अनसुलझा रहस्य: जहां सुरंग में समा गई थी पूरी बारात, एशिया की सबसे गहरी बावड़ी की अनोखी कहानी

आभानेरी (दौसा)।

राजस्थान अपनी स्थापत्य कला के साथ-साथ अपने भीतर कई ऐसे रहस्य समेटे हुए है, जिन्हें आज का आधुनिक विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया है। दौसा जिले के आभानेरी में स्थित 'चांद बावड़ी' एक ऐसी ही ऐतिहासिक धरोहर है, जो अपनी भव्यता से ज्यादा अपनी डरावनी और रहस्यमयी कहानियों के लिए प्रसिद्ध है।

जब सुरंग में लापता हो गई थी पूरी बारात

स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, सदियों पहले एक बारात इस बावड़ी की अंधेरी और गुप्त सुरंगों में दाखिल हुई थी। कहा जाता है कि वह पूरी बारात उन सुरंगों के जाल में ऐसी खोई कि आज तक उनका कोई सुराग नहीं मिला। इस घटना के बाद से ही इन सुरंगों को लेकर लोगों में खौफ बैठ गया। हालांकि अब सुरक्षा कारणों से इन गुप्त रास्तों और सुरंगों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है, लेकिन 'लापता बारात' का यह रहस्य आज भी लोगों की जुबान पर है।

स्थापत्य का अद्भुत नमूना: 13 मंजिल और 3500 सीढ़ियां

9वीं शताब्दी में राजा चांद (प्रतिहार वंश) द्वारा निर्मित यह बावड़ी इंजीनियरिंग का एक बेमिसाल उदाहरण है:

  • भूलभुलैया: इसमें करीब 3500 से ज्यादा सीढ़ियां हैं। कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति जिस सीढ़ी से नीचे उतरता है, वापस उसी रास्ते से ऊपर नहीं आ पाता।

  • अंधेरे-उजाले की बावड़ी: इसे 'अंधेरे-उजाले की बावड़ी' भी कहा जाता है क्योंकि चांदनी रात में यह दूध जैसी सफेद चमकती है।

  • बिना सीमेंट-चूने का मंदिर: बावड़ी के समीप स्थित हर्षद माता का मंदिर महामेरू शैली में बना है, जिसमें जोड़ने के लिए सीमेंट या चूने का प्रयोग नहीं किया गया है।


फिल्मकारों की पहली पसंद

अपनी अनोखी बनावट और रहस्यमयी वातावरण के कारण चांद बावड़ी हॉलीवुड और बॉलीवुड निर्देशकों के लिए पसंदीदा शूटिंग डेस्टिनेशन रही है। यहां कई प्रसिद्ध फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है:

  • बॉलीवुड: भूल भुलैया, पहेली, भूमि।

  • हॉलीवुड: द फॉल (The Fall), द डार्क नाइट राइजेज (The Dark Knight Rises - कुछ दृश्य)।

पर्यटन और सुरक्षा

आज यह बावड़ी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन है। हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक इसकी वास्तुकला को निहारने आते हैं। हालांकि, रहस्यों और सुरक्षा को देखते हुए पर्यटकों को रात के समय यहां रुकने या प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती है।


चांद बावड़ी: एक नजर में

विशेषता विवरण
स्थान आभानेरी, जिला दौसा (राजस्थान)
निर्माण काल 9वीं शताब्दी (प्रतिहार काल)
गहराई 13 मंजिला
कुल सीढ़ियां 3500 से अधिक
निकटवर्ती मंदिर हर्षद माता मंदिर

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