ड्यूटी से नदारद रह कर दुकान चला रहा था रेलकर्मी; विजिलेंस की छापेमारी से मचा हड़कंप

ड्यूटी से नदारद रह कर दुकान चला रहा था रेलकर्मी; विजिलेंस की छापेमारी से मचा हड़कंप

कोटा। रेलवे में ड्यूटी के नाम पर निजी व्यवसाय चमकाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ताजा मामला ट्रेन लाइटिंग विभाग (TL) के कर्मचारी बबलेश कुमार मीणा का है, जो सरकारी ड्यूटी के समय अपनी निजी दुकान संभालते हुए पकड़ा गया है।

विजिलेंस की रेड और कार्रवाई

साथी कर्मचारियों की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद विजिलेंस टीम ने बुधवार को स्टेशन ऑफिस में अचानक दबिश दी।

  • पूछताछ: विजिलेंस ने बबलेश को रंगे हाथों ड्यूटी से गायब रहने के मामले में घेरा। पूछताछ में बबलेश ने सफाई दी कि दुकान उसकी पत्नी के नाम पर है।

  • दस्तावेज जब्त: टीम ने मौके से हाजिरी रजिस्टर (Attendance Register) और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त कर लिए हैं ताकि ड्यूटी के घंटों और दुकान पर मौजूदगी का मिलान किया जा सके।

क्या हैं आरोप?

शिकायतकर्ताओं ने महाप्रबंधक (GM), डीआरएम (DRM) और विजिलेंस विभाग को पत्र लिखकर बबलेश पर गंभीर आरोप लगाए हैं:

  1. सालों से एक ही जगह तैनाती: बबलेश पिछले कई वर्षों से नियम विरुद्ध तरीके से स्टेशन ऑफिस में ही जमा हुआ है, जबकि उसे ट्रेन ड्यूटी पर भेजा जाना चाहिए था।

  2. दुकान और प्रॉपर्टी डीलिंग: ड्यूटी के दौरान बबलेश अक्सर 'पुरोहित जी की टपरी' (नहर के पास) स्थित अपनी फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान पर मिलता है। आरोप है कि वह वहीं से प्रॉपर्टी डीलिंग का काम भी चलाता है।

  3. सुपरवाइजरों से मिलीभगत: कर्मचारियों का दावा है कि इसकी शिकायत कई बार सुपरवाइजरों से की गई, लेकिन साठगांठ के चलते आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कर्मचारियों में भारी रोष

बबलेश की इस 'वीआईपी' व्यवस्था के कारण अन्य कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। एक ही जगह पर लंबे समय तक जमे रहने और ड्यूटी से गायब रहने की प्रवृत्ति ने विभाग के कार्य-सभ्यता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद अब विभाग में उन अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है जिन्होंने इस मनमानी को मौन सहमति दे रखी थी।


रेलवे सेवा नियमों के तहत संभावित कार्रवाई

रेलवे कर्मचारी अनुशासन एवं अपील नियम (D&A Rules) के तहत, यदि कोई कर्मचारी ड्यूटी के दौरान व्यावसायिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, तो उस पर निम्नलिखित कार्रवाई हो सकती है:

  • निलंबन (Suspension): जांच लंबित रहने तक।

  • अनुशासनात्मक कार्रवाई: कदाचार (Misconduct) के लिए चार्जशीट जारी करना।

  • जुर्माना या पदावनति: गंभीर मामलों में वेतन वृद्धि रोकना या डिमोशन।


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