जयपुर। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, जो अपनी तेज रफ्तार के लिए जाना जाता है, अब हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। एक्सप्रेस-वे के किनारे ढाबे खुल गए हैं, जहाँ तक पहुँचने के लिए अवैध कट बना दिए गए हैं। इन ढाबों तक जाने के लिए ट्रक और अन्य भारी वाहन बीच सड़क पर ही रुक जाते हैं, जिससे तेज रफ्तार वाहनों के बीच दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
जयपुर से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले नए हाईवे पर भी यही स्थिति है। ढाबों तक जाने के लिए मिट्टी के अस्थायी रास्ते बना दिए गए हैं, जहाँ अक्सर ट्रक धंस जाते हैं। इससे न सिर्फ ट्रैफिक बाधित होता है, बल्कि पीछे से आ रहे वाहनों के लिए भी खतरा पैदा होता है।
हाल ही में जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर एक पुलिस बस सड़क पर खड़े ट्रक से टकरा गई थी, जिसमें पुलिस कांस्टेबल ड्राइवर की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। यह घटना सड़क पर अवैध रूप से खड़े वाहनों के खतरे को दर्शाती है।
इस खतरे को कम करने के लिए जयपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि चंदवाजी से शाहजहांपुर तक 125 किलोमीटर के हिस्से में लेन सिस्टम का उल्लंघन करने वाले वाहनों का आज से चालान किया जाएगा। उल्लंघन करने पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
पुलिस ने पिछले 10 दिनों से जागरूकता अभियान चलाया था, जिसमें 5029 वाहनों के चालान किए गए और 323 पशुओं पर रिफ्लेक्टर लगाए गए। साथ ही, इस हाईवे पर 247 अवैध कट भी बंद करवाए गए हैं।
जयपुर रेंज आईजी ने मनोहरपुर-दौसा एक्सप्रेस-वे (एनएच 148) पर लगातार हो रहे हादसों को रोकने के लिए जयपुर ग्रामीण और दौसा पुलिस को संयुक्त कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि पिछले साढ़े चार सालों में इस हाईवे पर 352 दुर्घटनाओं में 267 लोगों की जान चली गई। इन हादसों के पीछे तेज रफ्तार, सड़क इंजीनियरिंग की खामियां, डिवाइडर और चेतावनी बोर्ड की कमी जैसे कारण सामने आए हैं।
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