सीकर: राजस्थान के प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर में भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। मंदिर प्रशासन ने मुख्य श्रृंगार और संध्या आरती के समय में परिवर्तन कर दिया है। यह बदलाव भाद्रपद शुक्ल पक्ष से आश्विन कृष्ण पक्ष की अवधि को देखते हुए किया गया है।
श्री श्याम मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि, श्रृंगार आरती का समय अब सुबह 7:30 बजे होगा, जो पहले सुबह 7:00 बजे होता था। इस आरती के दौरान बाबा श्याम का विशेष और अलौकिक श्रृंगार किया जाता है। इसी तरह, संध्या आरती का समय भी बदल गया है। यह अब शाम 7:00 बजे होगी, जो पहले शाम 7:30 बजे होती थी।
सभी आरतियों का नया समय:
मंगला आरती: सुबह 4:30 बजे
श्रृंगार आरती: सुबह 7:30 बजे
भोग आरती: दोपहर 12:30 बजे
संध्या आरती: शाम 7:00 बजे
शयन आरती: रात 10:00 बजे
मंदिर कमेटी का कहना है कि यह बदलाव भक्तों की सुविधा और धार्मिक परंपराओं को ध्यान में रखकर किया गया है, ताकि श्रद्धालु नए समय के अनुसार अपनी यात्रा और दर्शन की योजना बना सकें।
चंद्रग्रहण के बाद बाबा श्याम के दोनों स्वरूपों के दर्शन
चंद्रग्रहण के कारण मंदिर को परंपरा अनुसार बंद रखा गया था, जिससे लाखों भक्त प्रत्यक्ष दर्शन से वंचित रह गए। हालांकि, इस दौरान भी भक्तों के लिए बाबा श्याम का भव्य श्रृंगार किया गया। श्री श्याम मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि चंद्रग्रहण के चलते बाबा का तिलक श्रृंगार उतारकर उन्हें उनके मूल शालिग्राम रूप में सजाया गया। आज बाबा को विशेष पोशाक, नवरत्न चरित्र से बना नया सोने का मुकुट और सोने का हार पहनाया गया।
भक्तों के लिए यह खास मौका था क्योंकि चंद्रग्रहण के बाद साल में केवल एक बार बाबा श्याम एक ही दिन में अपने दोनों स्वरूपों में नजर आते हैं। इस परंपरा के अनुसार, गर्भगृह को पवित्र जल से धोकर बाबा को फिर से चंदन का तिलक श्रृंगार किया जाएगा, जिसके बाद वे अपने श्याम वर्ण रूप में भक्तों को दर्शन देंगे।
यह माना जाता है कि बाबा श्याम महीने में 23 दिन श्याम वर्ण और 7 दिन अपने मूल शालिग्राम रूप में दर्शन देते हैं। यही कारण है कि चंद्रग्रहण के बाद का यह दिन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
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