कोटा। कोटा रेल मंडल में चोरी की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रशासनिक विफलता के कारण ट्रेनों में यात्री लगातार असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। शुक्रवार को भी मंडल में चोरी के चार गंभीर मामले सामने आए, जिनकी शिकायत यात्रियों ने आरपीएफ (RPF) और जीआरपी (GRP) को दर्ज कराई है।
अजमेर-संतरागाछी स्पेशल ट्रेन (08612) में चोरी की एक ही ट्रेन में दो अलग-अलग घटनाएँ सामने आईं, जो सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती हैं:
दिलीप कुमार ठाकुर का स्लीपर कोच में यात्रा के दौरान हैंडबैग चोरी हो गया। यह घटना चंदेरिया से गढ़वा रोड तक की यात्रा के बीच हुई। ट्रेन के सोगरिया स्टेशन पहुंचने पर उन्हें चोरी का पता चला। पर्स में एक मंगलसूत्र तथा एक मोबाइल सहित जरूरी सामान था।
इसी ट्रेन में यात्रा कर रहे चंद्रअली ने बताया कि उनकी माता जी का लेडीज पर्स चोरी हो गया। बूंदी स्टेशन के पास नींद खुलने पर उन्हें चोरी का पता चला। पर्स में एक मोबाइल, टिकट, नगद रुपए और पहचान-पत्र सहित जरूरी कागजात थे।
मंडल की अन्य ट्रेनों में भी यात्रियों को नुकसान उठाना पड़ा:
मेवाड़ एक्सप्रेस (12963): निजामुद्दीन से उदयपुर तक सफर कर रहे बसंत का ट्रॉली बैग चोरी हो गया। बैग में कपड़े और आर्टिफिशियल ज्वेलरी आदि सामान था। मांडलगढ़ स्टेशन पर नींद खुलने पर चोरी का पता चला। इसकी शिकायत उदयपुर जीआरपी को दी गई है।
मुंबई-अमृतसर ट्रेन (12925): इस ट्रेन के एसी कोच में सफर कर रहे यात्री इंद्रजीत का पर्स चोरी हो गया। बांद्रा से अंबाला तक की यात्रा कर रहे इंद्रजीत को कोटा स्टेशन के बाद नींद खुलने पर चोरी का पता चला। पर्स में 5 हजार रुपए नगद और एक सुनने की मशीन सहित जरूरी कागजात थे।
लगातार हो रही ये वारदातें स्पष्ट करती हैं कि ट्रेनों में चोरों का गैंग सक्रिय है और सुरक्षा एजेंसियां इसे रोकने में विफल रही हैं। यात्रियों ने प्रशासन से ट्रेनों में गश्त बढ़ाने और चोरों को जल्द पकड़ने की मांग की है।
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