सवाई माधोपुर। रणथम्भौर दुर्ग स्थित प्रसिद्ध श्री त्रिनेत्र गणेश मंदिर में आगामी तीन दिवसीय भव्य मेला 26 से 28 अगस्त 2025 तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्य मेला 27 अगस्त को रहेगा। इस विशाल आयोजन को सुरक्षित, सुव्यवस्थित, स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए जिला कलक्टर कानाराम की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें मंदिर ट्रस्ट और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान, जिला कलक्टर ने लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें गणेश दर्शन का सुखद अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से सभी विभागों को जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने विशेष रूप से रणथम्भौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की हाल की गतिविधियों को देखते हुए सख्त निर्देश दिए। उन्होंने अवैध रास्तों को पूर्णतः बंद करने, बैरिकेडिंग, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा गार्ड तैनात करने को कहा ताकि श्रद्धालु केवल सुरक्षित मार्ग से ही मंदिर पहुंचें। इस दौरान जोगी महल से शुरू होने वाले मंदिर परिक्रमा मार्ग को बंद रखने पर भी चर्चा की गई।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अतिरिक्त रोडवेज बसें संचालित की जाएंगी। हम्मीर सर्किल से गणेशधाम एवं जोगी महल तक की सड़कें दुरुस्त की जाएंगी, और वर्षा जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जाएगी। रेलवे स्टेशन से पार्किंग स्थल तक रोडवेज बसों में तय किराया दर्शाते बोर्ड लगाए जाएंगे।
रणथंभौर किला, गणेशधाम और जोगी महल मार्ग पर समुचित विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने, साइलेंट जनरेटर लगाने तथा करंट से सुरक्षा हेतु लोहे की बजाय लकड़ी के खंभे लगाने के निर्देश भी दिए गए।
मेले में लगने वाले भण्डारे निःशुल्क होंगे, लेकिन प्रत्येक भण्डारे के लिए नियमानुसार पंचायत समिति, नगर परिषद अथवा नगर विकास न्यास में आवेदन कर अमानत राशि जमा करानी होगी, जो शर्तों की पालना होने पर लौटाई जाएगी। भण्डारों की संख्या सीमित रहेगी, और प्रत्येक पर सफाई व अपशिष्ट प्रबंधन हेतु कर्मियों की व्यवस्था अनिवार्य रहेगी। घरेलू गैस सिलेंडर, अमानक कप-प्लेट व पॉलीथिन पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।
मेले को पूर्णतः प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्लास्टिक के दोने, पत्तल, डिस्पोजल, चम्मच, पॉलिथीन सहित सभी सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध रहेगा। प्रत्येक भण्डारे व श्रद्धालु स्थान पर डस्टबिन अनिवार्य रूप से रखवाए जाएंगे।
मेले के दौरान मंदिर परिसर, गणेशधाम व पार्किंग स्थलों पर अस्थायी शौचालय लगवाए जाएंगे। खाद्य निरीक्षक व रसद विभाग की टीमें सड़े-गले खाद्य पदार्थों पर नजर रखेंगी व सैंपलिंग भी की जाएगी।
मेले के दौरान चार चिकित्सा टीमें व पांच एम्बुलेंस 8-8 घंटे की पाली में गणेशधाम, किला एवं मंदिर परिसर में तैनात रहेंगी। दमकल वाहन भी मेले में मौजूद रहेंगे। सामान्य चिकित्सालय में इमरजेंसी के लिए बेड रिजर्व रखने के निर्देश दिए गए हैं।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सीसीटीवी कैमरे एवं ड्रोन से वीडियोग्राफी की जाएगी। मंदिर, जोगी महल, गणेशधाम, अटल सागर व मिश्र दर्रा सहित भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों को विशेष निगरानी में लिया जाएगा।
मेले के दौरान गणेशधाम तिराहा एवं गणेश मंदिर, रणथम्भौर किला पर 24 घंटे सक्रिय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। इन पर उद्घोषणा एवं समन्वय के लिए कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के स्पीकर विभिन्न स्थलों पर लगाए जाएंगे।
किसी भी आपात स्थिति से निपटने हेतु जलभराव क्षेत्रों के पास गोताखोर, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक एवं एसडीआरएफ टीम तैनात रहेंगी। जलस्रोतों व रपटों के पास चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे।
बैठक में उप वन संरक्षक रामानंद भाकर, अतिरिक्त जिला कलक्टर संजय शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव बुड़ानिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार कस्वा, उप वन संरक्षक सुनील शर्मा, विकास अधिकारी जगदीश मीणा, सीएमएचओ डॉ. अनिल कुमार जैमिनी, उप निदेशक पर्यटन मधुसूदन सिंह, अधीक्षण अभियंता जलदाय विभाग बीएस मीना, अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग बीएल मीना सहित महंत बृजकिशोर शर्मा, निकुंज दाधीच एवं ट्रस्ट प्रतिनिधि हिमांशु गौतम आदि उपस्थित रहे।
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