कोटा। लाखेरी रेल खंड पर कार्यरत एक ट्रैकमैन मुकेश शर्मा पिछले 8 दिनों से निलंबन का सामना कर रहे हैं। इससे पहले रेलवे प्रशासन द्वारा उन्हें 11 चार्जशीट भी सौंपी गई थी, और उससे भी पहले लगभग 6 महीने तक उन्हें अनुपस्थित रखा गया था।
रेलवे अधिकारियों ने इस कार्रवाई को काम में लापरवाही और आदेशों का उल्लंघन का मामला बताया है। हालांकि, दूसरी ओर, अन्य ट्रैकमेनों ने इस कार्रवाई को मनमानी करार दिया है और अधिकारियों पर पक्षपात का आरोप लगाया है।
ट्रैकमेनों का कहना है कि अधिकारी और सुपरवाइजर सभी कर्मचारियों के साथ समान व्यवहार नहीं करते हैं। उनका आरोप है कि अधिकारी और सुपरवाइजर अपनी सुविधा के अनुसार कर्मचारियों से काम लेते हैं। कई अधिकारियों और सुपरवाइजरों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कई ट्रैकमेनों को अपने कार्यालयों और ट्रॉली पर ड्यूटी में लगा रखा है। यह मुद्दा पहले भी कई बार सामने आ चुका है, लेकिन इसमें आज तक कोई ठोस सुधार देखने को नहीं मिला है।
ट्रैकमेनों ने आगे बताया कि यदि कोई कर्मचारी गलती करता है, तो अधिकारी और सुपरवाइजर उसे नियमों के अनुसार समान रूप से दंडित नहीं करते हैं। उनका आरोप है कि अपने पसंदीदा और चापलूस कर्मचारियों की गलतियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि मामूली गलतियों या नियम-कायदों के बारे में बताने वाले कर्मचारियों को दंडित किया जाता है। मुकेश शर्मा का निलंबन भी इसी कथित मनमानी का एक उदाहरण बताया जा रहा है, जिससे अन्य ट्रैकमेनों में भी रोष व्याप्त है।
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