कोटा, राजस्थान। लोको पायलट लोकेश मालव की आत्महत्या के मामले में शुक्रवार को उनके परिजन और साथी कर्मचारी आक्रोशित हो गए। पोस्टमार्टम के बाद लोकेश का शव लेकर वे डीआरएम कार्यालय पहुंचे और वहां प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने लोकेश की मौत के लिए रेलवे अधिकारियों और सुपरवाइजरों को जिम्मेदार ठहराया।
डीआरएम कार्यालय में शव रखकर प्रदर्शन
परिजनों और साथी कर्मचारियों ने लोकेश के शव को एंबुलेंस में रखकर डीआरएम कार्यालय के पोर्च में खड़ा कर दिया। इसके बाद वे नारेबाजी करते हुए डीआरएम अनिल कालरा के चेंबर में घुस गए। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकेश को अधिकारियों और सुपरवाइजरों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था और उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही थी, जिसके कारण वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया।
डीआरएम ने कार्रवाई का आश्वासन दिया
डीआरएम अनिल कालरा ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मंगलवार को अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक भी बुलाई है।
सीटीसीसी कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन
इसके बाद कर्मचारियों ने सीटीसीसी कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया और अधिकारियों और सुपरवाइजरों के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन को देखते हुए सीटीसीसी स्टाफ कार्यालय से गायब हो गया।
लोकेश के गांव में अंतिम संस्कार
प्रदर्शन के बाद परिजन और साथी कर्मचारी लोकेश के शव को उनके गांव बड़ोद ले गए, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। प्रदर्शन में रेलवे एम्पलाई यूनियन के कई नेता भी शामिल थे।
आत्महत्या का मामला
लोकेश मालव ने गुरुवार को बोरखेड़ा उज्ज्वला बिहार स्थित अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें लोकेश ने अपनी पत्नी से अलगाव के कारण आत्महत्या करने की बात लिखी थी।
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