पाकिस्तान का आतंकी चेहरा उजागर करना है तो 24 अक्टूबर को क्रिकेट मैच नहीं होना चाहिए। भले ही भारत को टी-20 वर्ल्ड कप से बाहर होना पड़े।

पाकिस्तान का आतंकी चेहरा उजागर करना है तो 24 अक्टूबर को क्रिकेट मैच नहीं होना चाहिए। भले ही भारत को टी-20 वर्ल्ड कप से बाहर होना पड़े।

पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने से पहले शहीद जवानों के परिजन से राय ली जाए।

टी-20 वर्ल्ड कप में 24 अक्टूबर को यूईए में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच होना है। यह मैच तब हो रहा है, जब पाकिस्तान हमारे कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में आतंकी वारदातें बढ़ी हैं। आतंकियों के हाथों से जब भी कोई जवान शहीद होता है या कोई हिन्दू नागरिक मारा जाता है, तब सुरक्षाबलों की ओर से यही कहा जाता है कि ऐसी हरकत पाकिस्तान ने करवाई है। सवाल उठता है कि जब पाकिस्तान हमारे जवानों को शहीद करवा रहा है तब हम पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच क्यों खले रहे हैं? कई बार तर्क दिए गए कि खेल और कला साहित्य के माध्यम से दोनों देशों के बीच संबंध सुधरेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारत के साथ क्रिकेट खेल कर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड मालामाल हो जाता तथा पाकिस्तानी कलाकार हमारे फिल्म उद्योग में काम कर करोड़ों रुपया कमा लेते हैं, लेकिन ऐसे पाकिस्तानी कभी भी आतंकी वारदातों का विरोध नहीं करते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि पाकिस्तानी सांपों को दूध पिलाने से क्या फायदा? पूरी दुनिया जानती है कि अफगानिस्तान पर मुस्लिम चरमपंथी संगठन तालिबान का कब्जा करवाने में पाकिस्तान का हाथ है। अमरीका जैसे सहयोगी देश भी जान गए हैं कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है। ऐसे में यदि हम क्रिकेट मैच नहीं खेलेंगे तो दुनिया के सामने एक बार फिर पाकिस्तान का आतंकी चेहरा सामने आएगा। जब पाकिस्तान हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाता है तो हम क्रिकेट मैच का बहिष्कार कर पाकिस्तान का आतंकी चेहरा उजागर करने में क्यों हिचक रहे हैं? यह अच्छी बात है कि इस समय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव के पद पर जयंत शाह विराजमान है। जयंत शाह उन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे हैं, जिन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की घोषणा की थी। आज पूरे देश में अमित शाह की बोल्ड छवि बनी है। क्रिकेट मैच खेलने से पहले सरकार को शहीद जवानों के परिवारों से भी राय लेनी चाहिए। शहीद परिवारों के परिजन के इंटरव्यू इन दिनों न्यूज चैनलों पर प्रसारित हो रहे हैं। कोई परिवार नहीं चाहता है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेला जाए। परिजन का कहना है कि अब पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय आ गया है। क्रिकेट मैच खेलने के बजाए पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारने की जरूरत है। चूंकि देश का नेतृत्व नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं, इसलिए लोगों को अपेक्षाएं ज्यादा हैं। यह माना कि देश के आंतरिक हालातों को देखते हुए पाकिस्तान पर सीधा हमला करना कठिन है, लेकिन क्रिकेट मैच रद्द कर पाकिस्तान को झटका तो दिया ही जा सकता है।

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