कोयलें के व्यापार में धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये निवेश करने के तीसरे मामले में आरोपी सुयश अग्रवाल की जमानत अर्जी ख़ारिज

कोयलें के व्यापार में धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये निवेश करने के तीसरे मामले में आरोपी सुयश अग्रवाल की जमानत अर्जी ख़ारिज

वाराणसी। इंडोनेशिया में कोयले का व्यापार करने के नाम पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर एक करोड़ छियालिस लाख सैतीस हजार रुपये की धोखाधड़ी के मामले में दुर्गाकुंड थाना भेलूपुर निवासी आरोपी सुयश अग्रवाल की जमानत अर्जी अपर सत्र न्यायाधीश देवाशीष की अदालत ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी व वादी की ओर से अधिवक्ता वरूण प्रताप सिंह ने पक्ष रखा। अदालत में वादी मुकदमा उदय राज गढ़िया थाना शिवपुर निवासी ने शि‍वपुर थाने में तहरीर दी की मुलाकात सुयश अग्रवाल एवं उनके पिता कुंवर कृष्ण अग्रवाल दुर्गाकुंड थाना भेलूपुर निवासी से अपने मित्र अतुल चौधरी के जरिए हुई। सुयश अग्रवाल एवं कुंवर कृष्ण अग्रवाल द्वारा बताया गया कि उनकी इंडोनेशिया में “पाटी सूर्याश टोटल इण्डो रिसोर्सेज” के नाम से कम्पनी है। जिसके जरिए विपक्षी लगभग 4-5 वर्षो से कोयला का कारोबार कर रहे हैं तथा उपरोक्त कारोबार में निवेश पर काफी मुनाफा है तथा उपरोक्त व्यवसाय में निवेश करने हेतु आग्रह किया गया। विपक्षी द्वारा आश्वासन दिया गया कि बैंक गारंटी भी प्राप्त की जा चुकी है तथा वादी मुकदमा के जरिए जानने वाली 4-5 व्यक्तियों द्वारा भी उपरोक्त व्यवसाय में निवेश किया जा रहा है। आश्वासन पर विश्वास करके वादी द्वारा 51,11,746,60/रूपया 13 नवंबर 2017, मु0 68,64,788,84/ रूपया 5 दिसम्बर 2017, मु0 24,60,769,98/ रूपया 22 दिसम्बर 2017 व मु0 2,00000/ रूपया 2 जनवरी 2018 को कुल धनराशि मु0 1,46,37,305,42 (एक करोड़ छियालिस लाख सैतिस हजार तीन सौ पांच रूपया बयालिस पैसा) निवेश के रूप में विपक्षियों के खाते में भेजा।

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वादी उदय राज गढ़िया के अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह ने तर्क दिया कि आरोपी कोयले के व्यापार में वादी व अन्य व्यक्तियों को फर्जी बैंक गारंटी का प्रलोभन देकर करोड़ों रुपये का निवेश कराकर और कंपनी को घाटा दिखाकर निवेशकों का पैसा हड़पने, फर्जी बैंक गारंटी बनाकर कूटरचना व धोखाधड़ी करने, आपराधिक न्यासभंग करने व पैसा मांगने पर जान से मारने की धमकी देने जैसा गंभीर आरोप है। वादी ने आरोपियों के आश्वासन पर विश्वास कर व काफी पुराने संबंधों को ध्यान में रखकर कई तारीखों पर एक करोड़ छियालिस लाख रुपया कोयलें के व्यापार के लिए निवेश करते हुए आरोपियों के खाते में धनराशि भेजी थी। लंबा समय बित जाने के बाद भी जब वादी को निवेश किये गये पैसों पर कोई लाभ नहीं मिला तब पैसा मागने जानें पर पैसा देने से इंकार कर दिया गया और धमकी दी जाने लगी। अदालत ने तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।