जब चिकित्सा मंत्री के गृह जिले की स्थिति इतनी खराब तो क्या होगा अन्य जिलों का ?

जब चिकित्सा मंत्री के गृह जिले की स्थिति इतनी खराब तो क्या होगा अन्य जिलों का ?

अजमेर का प्रशासन न दैनिक अख़बार से नहीं डरता । क्योंकि अजमेर दबंग चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का गृह जिला है।
जेएलएन अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता और दुर्दशा की पोल दूसरे दिन भास्कर ने खोली।
न्यूज़ पोर्टल खबर अजमेर के पवन अटारिया ने भी पोल खोलने वाले वीडियो पोस्ट किए।
============
13 मई को दैनिक अख़बार  के अजमेर संस्करण में जेएलएन अस्पताल की दुर्दशा की खबरें फोटो सहित प्रकाशित हुई। बताया गया कि किस तरह कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती होने के लिए अस्पताल के बाहर इधर उधर पड़े रहना पड़ता है। यदि कोई भी संवेदनशील जनप्रतिनिधि और अधिकारी पत्रिका की इस खबर को पढ़ और देख लेता तो उसकी आंखों में आंसू आ जाते। लेकिन इन दोनों ही वर्गो के जीवाणुओं को अखबार पढ़ने की फुर्सत ही नहीं है। पत्रिका की खबर लोकहित थ, इसलिए इसी दिन दैनिक अख़बार के सीनियर रिपोर्टर तथा फोटोजर्नलिस्ट मुकेश परिवार भी जेएलएन अस्पताल के बाहर पहुंच गए।
जो स्थिति 12 मई को थी वो ही स्थिति 13 मई को दैनिक अख़बार को देखने को मिली। दैनिक अख़बार को भी अस्पताल के बाहर तड़पते मरीज मिल गए। दैनिक अख़बार ने वो वेटिंग वार्ड भी दिखाया, जिसका लोकार्पण 10 मई को किया गया था।
शर्मनाक बात तो यह रही कि वेटिंग वार्ड खाली पड़ा था और कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल के बाहर तड़प रहे थे।
ऑक्सीजन सिलेंडर रखे स्ट्रेचर को खींचते परिजन और टूटी व्हीलचेयर भी दिखाई गई। खुद दैनिक अख़बार ने लिखा कि हमारी फोटो ही खबरें हैं।
इन खबरों से साफ जाहिर है कि अजमेर का प्रशासन न राजस्थान पत्रिका से डरता है और न भास्कर से। इसलिए जब कुछ दुर्दशा की खबरें और फोटो छपती है तो कोई असर नहीं होता है। इसकी वजह यही है कि अजमेर दबंग चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का गृह जिला है
यहां तैनात अधिकारियों को भी पता है कि अखबारों में खबरें छपने से कुछ नहीं होगा। होगा वो ही जो रघु शर्मा चाहेंगे। जहां तक रघु शर्मा का सवाल है तो उन्हें मुख्यमंत्री से भी बात करने की फुर्सत नहीं है। मीडिया के प्रति रघु का रवैया कैसा है, इसको अखबार के संपादक भी जानते हैं।
जब चिकित्सा मंत्री के गृह जिले की स्थिति जब इतनी खराब हैं तो अन्य जिलों का अंदाजा लगाया जा सकता है। जहां तक अस्पताल के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का सवाल है तो साधन होने पर ही इलाज कर सकते हैं। प्रशासन के दबाव में भले ही वेटिंग वार्ड बना दिया हो, लेकिन मरीजों को जिंदा रखने के लिए ऑक्सीजन तो चाहिए। ऑक्सीजन नहीं होगा तो चिकित्सक वेटिंग वार्ड में भी मरीज को क्यों रखेंगे। जेएलएन अस्पताल में भी चिकित्सा मंत्री की हेल्प डेस्क बनी हुइ है।
पता नहीं यह हेल्प डेस्क पत्रिका और भास्कर में छपी खबरों व फोटो को रघु शर्मा को बता रही है या नहीं। चूंकि चिकित्सा महकमे की कमान रघु शर्मा के पास है, इसलिए अस्पताल की दुर्दशा की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। रघु शर्मा को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह वही अजमेर है जिसने उन्हें लोकसभा का उपचुनाव जीतवा कर राजनीति का हीरो बनाया था। विधानसभा चुनाव में ढाई वर्ष और लोकसभा चुनाव में तीन वर्ष शेष रहे हैं। फिर यही अजमेर की जनता और रघु शर्मा होंगे।
पोल खोलने वाले वीडियो:
14 मई को भास्कर में छपी खबर का अभी अजमेर प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ। न्यूज़ पोर्टल खबर अजमेर के संपादक पवन अटारिया भी 14 मई को अपना कैमरा लेकर जेएलएन अस्पताल के बाहर पहुंच गए। यहां लोहाखान नई बस्ती निवासी सुरेश गुप्ता ने कैमरे पर बताया कि उनकी माता जी कमलेश का निधन अस्पताल के बाहर ही हो गया है। चूंकि जेएलएन अस्पताल में समय पर भर्ती नहीं किया गया, इसलिए उनकी मौत हो गई। मांगलियावास के निकट से आए धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि उनके पिता शिव सिंह को आदर्श नगर स्थित सैटेलाइट अस्पताल से रैफर किया गया है, लेकिन एक घंटा बीत जाने के बाद भी जेएलएन अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है। अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि हमारे पास बेड नहीं है। वैशाली नगर स्थित उत्पल पालेकर ने बताया कि उनकी माता जी सरोज पालेकर को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, उनके परिवार के दो सदस्य पहले ही कोरोना संक्रमित हैं। मैं अब माताजी को अस्पताल में भर्ती कराने आया हूं तो भर्ती नहीं किया जा रहा है। मेरी माता जी मोटर साइकिल पर ही बैठी हुई हैं। रामनगर स्थित मोती विहार की रहने वाली विशाखा ने बताया कि उनके पिता सोमेन्द्र को अस्पताल में तो भर्ती कर लिया है, लेकिन बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर और जरूरी वस्तुएं लाने को कहा है। अपने स्तर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया है। अब तक 10 हजार रुपए की राशि खर्च हो चुकी है। पवन अटारिया ने 14 मई को जेएलएन अस्पताल के बाहर के जो वीडियो बनाए हैं उनसे भी जाहिर है कि अस्पताल की हालात बहुत ही खराब है। मरीज अस्पताल के बाहर दम तोड़ रहे हैं।

G News Portal G News Portal
25 0

0 Comments

No comments yet. Be the first to comment!

Leave a comment

Please Login to comment.

© G News Portal. All Rights Reserved.