भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने एएसपी महेश मीणा के निर्देशन में परमेश्वर उप अधीक्षक एसीबी के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए मगोर्रा थाना के अनुसंद्यान अधिकारी प्रेमपाल सिंह उपनिरीक्षक को 30 हजार रूपये की रिष्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफतार कर लिया। आरोपी यूपी के मर्गोरा थाना से रिष्वत की राषि लेने राजस्थान के भरतपुर जिले के भुसावर थाना क्षेत्र के गांव तरगवां परिवादी के निवास पर पंहुचा जहां एसीबी ने उसे टैªप कर लिया।
एसीबी के एएसपी महेष मीणा ने बताया कि तरगवां पुलिस थाना भुसावर निवासी राजवीर सिंह पुत्र मुरारी लाल जो कि भीलवाडा में कानिस्टेबल के पद पर कार्यरत है।उनके द्वारा एसीबी में षिकायत कर बताया गया कि उनके खिलाफ उनकी पत्नि मिथलेष के द्वारा उत्तरप्रदेष के मथुरा जिले के मगोर्रा थाना पर धारा 498ए, 323, 504, 307 आईपीसी व दहेज प्रतिषेद अधिनियम में दर्ज कराया था।
इस मामले को लेकर मिथलेष के द्वारा अपने पति राजवीर व ससुराल पक्ष के खिलाफ दर्ज करवाए मुकदमे में कानूनी कार्यवाही नहीं करने हेतु प्रार्थना पत्र पुलिस थाना मगोर्रा के अनुसंद्यान अधिकारी प्रेमपाल सिंह उपनिरीक्षक के समक्ष पेश किया। इसके बावजूद उप निरीक्षक प्रेमपाल सिंह के द्वारा 22 जुलाई को इस मुकदमे में धारा 307 आईपीसी हटाने एवं परिवादी के दो भाईयों के नाम प्रकरण से हटाने की एवज में एक लाख रूपये की मांग की।
जिसमें से 10 हजार रूपये प्राप्त कर लिए एवं 90 हजार रूपये को 30-30 हजार रूपये की तीन किस्तों में लेने की बात कहीं। जिस पर एसीबी के द्वारा इस शिकायत का सत्यापन कराया गया।
वहीं 25 जुलाई 30 हजार रूपये देना तय हुआ। जैसे ही राजवीर ने 30 हजार रूपये आरोपी प्रेमपाल को दिए पुलिस ने रिष्वत की राषि अपनी पहनी हुई वर्दी के जेब में रखने पर आरोपी को गिरफतार कर लिया।
इस कार्यवाही में परमेष्वर लाल उप अधीक्षक एसीबी के नेतृत्व में टीएलओ नवल किशोर पुलिस निरीक्षक श्रवण कुमार विष्नोई, पुलिस निरीक्षक रतिराम हैड कानिस्टेबल विनोद कुमार, रीडर राजेन्द्र कुमार, कानिस्टेबल जितेन्द्र कुमार, कानिस्टेबल देवेन्द्र कानिस्टेबल विजय सिंह कानिस्टेबल चालक ने कार्यवाही की।
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