भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर नगर निगम में एक बड़ा घोटाले का मामला सामने आया है। शहर के एक ठेकेदार ने नगर निगम के पांच अधिकारियों पर 25 लाख रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए अदालत में शिकायत दर्ज कराई है।
ठेकेदार देवेन्द्र गुधैनियां ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के अधिकारियों ने मिलकर शहर के विभिन्न वार्डों में नाली, नाला क्रॉस रिपेयर के नाम पर टेंडर निकाले और फर्जी बिल बनाकर धन का गबन किया। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने पहले से ही लगे हुए जालों को नया बताकर और अन्य निर्माण कार्य दिखाकर करीब 25 लाख रुपये का घोटाला किया है।
क्या है पूरा मामला?
ठेकेदार के मुताबिक, नगर निगम के अधिशासी अभियंता विनोद कुमार चौहान, भरतपुर विकास प्राधिकरण की कनिष्ठ अभियंता श्रीमती संतोष, नगर निगम के सहायक अभियंता राधेश्याम गुर्जर, तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता आशीष कुमार मौर्य, भरतपुर विकास प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियंता संजय अग्निहोत्री और नगर निगम के सहायक अभियंता दारा सिंह ने मिलकर यह घोटाला किया है। इन अधिकारियों ने सन् 2022-23 एवं 2023-24 में टेंडर निकाले और अन्य संवेदकों के साथ मिलकर कूटरचित तरीके से फर्जी बिल इन्द्राज कर घोटाला किया।
ठेकेदार ने आरटीआई के माध्यम से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर यह शिकायत दर्ज कराई है। इन दस्तावेजों से साफ जाहिर होता है कि अधिकारियों ने किस तरह से धोखाधड़ी कर धन का गबन किया है।
अदालत ने क्या किया?
अदालत ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए थाना मथुरा गेट को 4 जनवरी 2025 तक जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और दोषी अधिकारियों को क्या सजा मिलती है।
यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
यह मामला नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है। यह दिखाता है कि कैसे कुछ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर जनता के पैसे को लूटते हैं। यह मामला लोगों को जागरूक करता है कि उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
आगे क्या होगा?
इस मामले की जांच जारी है। दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले से नगर निगम की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा।
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