राजस्थान के भरतपुर में कार्यरत एक न्यायाधीश एवं दो न्यायायिक कर्मचारियों के खिलाफ एक नावालिग बच्चे का वीभत्स तरीके से कथित यौन शोषण किये जाने के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। इस सनसनीखेज मामले के सामने आने के बाद यहां न्यायायिक क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति है। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद आरोपी न्यायाधीश एवं दोनों कर्मचारी भूमिगत हो गए है। थाना मथुरागेट प्रभारी रामनाथ ने बताया कि यौन शोषण के शिकार 15 वर्षिय एक बालक की माँ की तरफ से इस मामले को लेकर थाने में पेश की गई रिपोर्ट के बाद विशिष्ठ न्यायाधीश भृष्टाचार निरोधक ब्यूरो जितेंद्र कुमार , न्यायायिक कर्मचारी अंशुल सोनी ब राहुल कटारा को नामजद कर पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। दर्ज कराई गई रिपोर्ट में भृष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उपाधीक्षक परमेश्वर यादव पर भी यह आरोप लगाया गया है कि बे आरोपियों के अलाबा ब्यूरो के कई पुलिसकर्मियों के साथ पीड़ित बच्चे के घर आये और उन्होंने मामले को रफादफा करने का दवाब बनाते हुए गली गलौच की तथा कहा कि मामले को रफादफा नही किया तो बे परिवार के लोगो को जेल में डलबा देंगे। दर्ज रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित नावालिग टेनिस खेलने के लिए डिस्ट्रिक्ट क्लब जाता था जहां आरोपी न्यायाधीश ने उससे जानपहचान बनाई। रिपोर्ट में कहा गया है कि जानपहचान बढाने के बाद आरोपी न्यायाधीश बच्चे को अपने घर ले जाने लगे जहां उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिला यौन शोषण ब दुष्कर्म किया जाता था। बताया गया है कि इस घृणित कृत्य की न्यायाधीश की तरफ से वीडियो भी बनाई गई तथा न्यायायिक कर्मचारी भी उसका यौन शोषण ब दुष्कर्म करते रहे।
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