भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में 14 साल के एक नावालिग किशोर से कथित कुकर्म के आरोप में निलंबित जज जितेंद्र गुलिया के मामले में एक सनसनीखेज जानकारी और सामने आई है सामने। पता चला है कि गुलिया ने जांच अधिकारी द्वारा पूछताछ में असहयोग करते हुए पुलिस को कई बातों में मुगालते में रखा औऱ अपनी जाति को छुपाते अपने आपको अन्य पिछड़ा बर्ग (OBC) में होना बताया लेकिन जब जांच अधिकारी ने गुलिया के पिता से इस बारे में जानकारी की तो खुलासा हुआ की वह अन्य पिछड़ा बर्ग (OBC) में नहीं है बल्कि अनसूचित जाति (SC) से ताल्लुक रखता है। जाँच अधिकारी की जानकारी में यह तथ्य आने के बाद गुलिया ने बताया की उसके पिता अनसूचित जाति (SC) से हैं जबकि उनकी मां अन्य पिछड़ा बर्ग (OBC) से ताल्लुक रखती है।
गौरतलब है कि गुलिया के सर्विस रिकॉर्ड में उनकी जाति अनसूचित जाति (SC) दर्ज है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुलिया को सेवर जेल भेजने से पहले जांच अधिकारी सीओ सतीश वर्मा के ऑफिस में पूछताछ और कागजी कार्रवाई के बाद उनकी आरबीएम अस्पताल ले जाकर मेडिकल के साथ कोरोना जांच कराई गई। कोरोना जांच रिपोर्ट आने तक उसे जेल में क्वारेंटाइन रखा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि गुलिया ने मजिस्ट्रे रेखा चौधरी को बताया की उसकी गर्दन में दर्द के साथ कई अन्य छोटी-मोटी बीमारियां हैं इसकी वजह से उसे रोज दवाएं लेनी पड़ती हैं तथा सोने के लिए उन्हें जेल में तकिया की जरूरत होगी इसके लिए गुलिया ने मजिस्ट्रेट को एक प्रार्थना पत्र भी पेश किया है।
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