नई दिल्ली: शुक्रवार को संसद में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठा। हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे को उठाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर से सवाल किया कि भारत सरकार इस मामले में क्या कर रही है।
जयशंकर ने क्या कहा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ओवैसी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर गंभीरता से चिंतित है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को भारत सरकार ने बांग्लादेश सरकार के सामने उठाया है और हाल ही में विदेश सचिव ने भी बांग्लादेश दौरे के दौरान इस मुद्दे को उठाया था।
नेपाल सीमा विवाद पर भी जवाब
ओवैसी ने नेपाल द्वारा भारतीय क्षेत्र को अपने नक्शे में शामिल करने के मुद्दे को भी उठाया। इस पर जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं को लेकर बहुत गंभीर है और इस मामले में हमारी नीति स्पष्ट है।
चीनी सीमा विवाद पर भी सवाल
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीनी सीमा विवाद के मुद्दे को उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने एक आईपीएस अधिकारी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या भारतीय सेनाएं सीमा पर अपनी चौकियों तक पहुंच सकती हैं। जयशंकर ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने हाल ही में इस मुद्दे पर विस्तृत बयान दिया है और भारत की सेनाएं ऐतिहासिक रूप से जिन गश्ती प्वाइंट पर जाती रही हैं, वहां अब भी जा सकती हैं।
यह मुद्दा क्यों है महत्वपूर्ण?
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार एक गंभीर मानवीय संकट है। यह मुद्दा भारत और बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। इस मुद्दे पर भारत सरकार का रुख क्या है, यह जानना बहुत जरूरी है।
निष्कर्ष
संसद में इस मुद्दे को उठाए जाने से यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर भारत में चिंता है। भारत सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
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