प्रयागराज। भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक इतिहास में महाकुंभ 2025 एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की भागीदारी की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे एक भव्य और सुरक्षित आयोजन बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।
श्रेणी |
विवरण/आंकड़े |
अवधि |
45 दिन (13 जनवरी - 26 फरवरी, 2025) |
अपेक्षित आगंतुक |
40 करोड़ से अधिक (400 मिलियन) |
सड़क अवसंरचना |
92 सड़कों का नवीनीकरण; 17 सड़कों का सौंदर्यीकरण |
पोंटून पुल |
3,308 पोंटूनों का उपयोग करके 30 पुलों का निर्माण; 28 तैयार हैं |
साइनेज स्थापना |
800 बहुभाषी साइनेज की योजना बनाई गई; 400 से अधिक इंस्टॉल हो चुके हैं |
विविध (चेकर्ड) प्लेटें बिछाई गईं |
मेला क्षेत्र में 2,69,000 प्लेटें बिछाई गईं |
महाकुंभ के लिए प्रयागराज को अस्थायी शहर में बदला जा रहा है। इसमें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित टेंट सिटी "महाकुंभ ग्राम" शामिल है।
महाकुंभ की सुरक्षा के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।
सुरक्षा उपाय |
विवरण/आंकड़े |
सीसीटीवी कैमरे |
वास्तविक समय की निगरानी के लिए एआई क्षमताओं वाले 2700 कैमरे तैनात किए गए |
चेहरे की पहचान तकनीक |
बेहतर सुरक्षा के लिए प्रवेश बिंदुओं पर उपयोग किया जाता है |
निगरानी के लिए ड्रोन |
हवाई निगरानी के लिए तैनात किया गया है |
पानी के नीचे ड्रोन |
चौबीसों घंटे निगरानी के लिए 100 मीटर तक गोता लगाने में सक्षम |
अग्नि सुरक्षा बजट |
अग्नि सुरक्षा उपायों के लिए 131.48 करोड़ रुपये आवंटित |
पुलिस तैनाती |
अर्धसैनिक बलों सहित 50,000 से अधिक कर्मी |
महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता, आध्यात्मिकता और आधुनिकता का वैश्विक प्रदर्शन है।
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