महात्मा गांधी नरेगा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली का उपयोग

महात्मा गांधी नरेगा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली का उपयोग

महात्मा गांधी नरेगा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली का उपयोग

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) को लागू किया है। इस प्रणाली के तहत, मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों की उपस्थिति का रिकॉर्ड दिन में दो बार लिया जाता है।

एनएमएमएस के प्रमुख बिंदु:

  • पारदर्शिता: एनएमएमएस से योजना में पारदर्शिता बढ़ती है और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलती है।
  • शिकायत निवारण: मनरेगा लाभार्थी सीपीजीआरएएम पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, ग्राम पंचायत स्तर पर शिकायत रजिस्टर भी बनाए गए हैं।
  • भाषाएं: एनएमएमएस मोबाइल ऐप वर्तमान में अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम में उपलब्ध है।
  • नियमित समीक्षा: सरकार एनएमएमएस के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा करती है और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी सहायता प्रदान करती है।

मनरेगा के लाभार्थियों के लिए फायदे:

  • पारदर्शिता: लाभार्थियों को यह जानने का अधिकार है कि उनके द्वारा किए गए काम का रिकॉर्ड रखा जा रहा है और उन्हें उचित भुगतान मिल रहा है।
  • शिकायत निवारण: यदि किसी लाभार्थी को कोई समस्या आती है तो वह आसानी से शिकायत दर्ज करा सकता है।
  • जवाबदेही: एनएमएमएस के कारण अधिकारी और ठेकेदारों को जवाबदेह बनाया जा सकता है।

सरकार के प्रयास:

सरकार मनरेगा योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। एनएमएमएस एक ऐसा ही प्रयास है जो योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

निष्कर्ष:

एनएमएमएस मनरेगा योजना के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में मदद करता है और लाभार्थियों के हितों की रक्षा करता है।

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