पूरी दुनिया मौजूदा समय में चल रही कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई है। कोविड-19 संक्रमण के दौरान मरीज में होने वाले लक्षणों की गंभीरता का पता समय पर नहीं चलने पर यह जीवन के लिए खतरा पैदा कर देता है। संक्रमित मरीजों की त्वरित परीक्षण प्रक्रिया में एंटीजन परीक्षण शामिल है जो थोड़े समय के भीतर लिए गए सैकड़ों नमूनों का परिणाम प्रदान करता है। इस तरह के रैपिड टेस्ट को हमारे देश के नागरिकों के लिए सुलभ और आसानी से उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। कई नवोन्मेषक और उद्यमी सटीक, सस्ती और सुलभ परीक्षण किट विकसित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं ताकि न केवल स्वास्थ्य कर्मियों को ऐसे कठिन समय में आसानी से जांच कर पता लगाने के लिए सहायता प्रदान की जा सके बल्कि भारत में जैव प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिया जा सके।
कोविड-19 रिसर्च कंसोर्टियम के तत्वावधान में डीबीटी-बीआईआरएसी समर्थित उत्पाद ‘सेंसिट रैपिड कोविड-19 एजी किट’ को यूबियो बायोटेक्नोलॉजी सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। यह किट 15 मिनट के समय में सार्स कोव-2 न्यूक्लियो कैप्सिड प्रोटीन की जांच कर परिणाम देने में सक्षम है। संदिग्ध व्यक्ति से नासॉफिरिन्जियल स्वैब का उपयोग करके नमूने एकत्र किए जाते हैं। यह आईसीएमआर अनुमोदित किट एक क्रोमैटोग्राफिक इम्यूनोसे है, जो स्वास्थ्य कर्मियों को दृष्टिगत रूप से जांच परिणाम को पढ़ने की सुविधा देता है। जांच सैंडविच इम्यूनोएसे के सिद्धांत पर काम करता है और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की एक जोड़ी का उपयोग करता है जो कोविड-19 विशिष्ट एंटीजन से बंधे होते हैं। जांच परिणाम एक रंगीन रेखा के रूप में दिखाई देती है। किट क्रमशः 86 प्रतिशत और 100 प्रतिशत की संवेदनशीलता और विशिष्टता प्रदर्शित करती है और इसकी शेल्फ लाइफ 24 महीने है। सेंसिट रैपिड कोविड-19 एजी किट का सफलतापूर्वक वाणिज्यीकरण किया जा चुका है।
इस तरह के त्वरित परीक्षण स्वास्थ्य पेशेवरों को संक्रमित व्यक्तियों का शीघ्रता से पता लगाने, उनके समय की बचत करने और उन्हें संक्रमित व्यक्ति को बेहतर सलाह और उपचार प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता है।
यह जांच सैंडविच इम्यूनोएसे के सिद्धांत पर काम करता है और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की एक जोड़ी का उपयोग करता है जो कोविड-19 विशिष्ट एंटीजन से बंधे होते हैं. जांच परिणाम एक रंगीन रेखा के रूप में दिखाई देती है. किट क्रमशः 86 प्रतिशत और 100 प्रतिशत की संवेदनशीलता और विशिष्टता प्रदर्शित करती है और इसकी शेल्फ लाइफ 24 महीने है. सेंसिट रैपिड कोविड-19 एजी किट का सफलतापूर्वक कमर्शियलाइजेशन किया जा चुका है.
इस तरह के त्वरित परीक्षण स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमित व्यक्तियों का शीघ्रता से पता लगाने, उनके समय की बचत करने और उन्हें संक्रमित व्यक्ति को बेहतर सलाह और उपचार प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता है.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारत में कृषि, हेल्थकेयर, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योग में जैव प्रौद्योगिकी के विकास और अनुप्रयोग को बढ़ावा देता है. वहीं, दूसरी ओर जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी), एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो देश के उत्पाद विकास की जरूरतों के संबंध में रणनीतिक अनुसंधान और विकास गतिविधियों को निष्पादित करने के लिए विकसित जैव प्रौद्योगिकी उद्योग को मजबूत करने और सुविधा प्रदान करने के लिए एक इंटरफेस संगठन के रूप में कार्य करता है.
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.