कोरोना के उपचार में आयुष पद्धति का भी लिया जाएगा सहयोग – आयुर्वेद मंत्री
जयपुर, 11 मई। चिकित्सा एवं आयुर्वेद मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव और उपचार के लिए प्रशिक्षित आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्साधिकारियों एवं नसिर्ंग कार्मिकों का भी सक्रिय सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिना लक्ष्णों वाले, माइल्ड और मॉडरेट कोविड मरीजों को आयुष पद्धति से सबंधित चिकित्सा संस्थानों में भर्ती कर उनका उपचार किया जा सकेगा।
आयुर्वेद मंत्री ने कहा कि आयुष चिकित्सकों, स्नातकोत्तर छात्रों और इंटर्न की तैनाती चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों और विशेषज्ञों की देखरेख में की जाएगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों या विशेषज्ञों की देखरेख में कोविड संक्रमित मरीजों की देखभाल आयुष चिकित्सकों द्वारा की जाएगी। साथ ही आयुष चिकित्सकों, स्नातकोत्तर छात्रों और इंटर्न को ई-संजीवनी डिजिटल प्लेटफॉर्म (स्थानीय भाषाओं सहित) के प्रबंधन के लिए नियोजित किया जाएगा। ई-संजीवनी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयुष चिकित्सक कोविड रोकथाम, उपचार और पोस्ट कोविड देखभाल एवं केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की सलाह अनुसार इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक आयुष पद्धतियों की जानकारी देंगे।
डॉ. शर्मा ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार आयुष सुविधाओं का उपयोग पोस्ट कोविड केयर एंड रिहैबिलिटेशन के लिए भी किया जाएगा। आयुष इंटर्न को भी कोविड प्रबंधन ड्यूटी में तैनात कर उन्हें स्थानीय निकायों, गैर सरकारी संगठन और निजी क्षेत्र द्वारा प्रबंधित क्वारंटाइन व अन्य सुविधाओं में नियोजित किया जाएगा। कोविड सबंधी ट्रेनिंग व ओरिएंटेशन देने के बाद फाइनल ईयर आयुष छात्रों की सेवाओं का उपयोग आउटरीच गतिविधियों, संदिग्ध कोरोना-19 मामलों की स्क्रीनिंग और परामर्श प्रदान करने के लिए लिया जा सकता है।
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