जब शहरी क्षेत्रों में स्कूल बंद कर रखी है, तब ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों को क्यों खोल रखा है? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण नहीं होता?

जब शहरी क्षेत्रों में स्कूल बंद कर रखी है, तब ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों को क्यों खोल रखा है? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण नहीं होता?

राजस्थान में कोरोना संक्रमण की वजह से जब शहरी क्षेत्रों में स्कूल बंद कर रखी है, तब ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों को क्यों खोल रखा है? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण नहीं होता?

भीषण सर्दी में ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को स्कूल जाने में ज्यादा परेशानी।

21 व 22 जनवरी को शिक्षक संघों के होने वाले राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन भी स्थगित।

राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर जो गाइड लाइन जारी की है, उसमें शहरी क्षेत्रों के सभी स्कूलों को आगामी 30 जनवरी तक बंद रखने के निर्देश दिए हैं। यही वजह है कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा एक से 12 तक के स्कूल खुले हुए हैं। कोरोना काल में विद्यार्थियों को स्कूल भी जाना पड़ रहा है। सवाल उठता है कि क्या ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण नहीं हो रहा? ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी तो स्कूल जाए और शहरी क्षेत्र के विद्यार्थी घरों पर ही रहे, सरकार का यह आदेश क्षेत्र के विद्यार्थियों पर ही रहे, सरकार यह आदेश तुगलकी फरमान जैसा है। ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और शिक्षक संघों ने भी इसे भेदभावपूर्ण निर्णय की ओर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेगी है। सब जानते हैं कि स्कूलों में शैक्षिक व्यवस्था एक समान है, इसलिए परीक्षा भी एकरूपता के साथ होती है, लेकिन सरकार के आदेश से स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था भी बदल गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्र के विद्यार्थी पढ़ाई में पिछड़ गए है। ऐसे नहीं कि सरकार के आदेश के बाद ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेज ही रहे हैं। अनेक अभिभावक कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। इन दिनों प्रदेशभर में भीषण सर्दी भी पड़ रही है। शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी का प्रकोप कुछ ज्यादा ही होता है। सर्दी से बचने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शहर जैसी सुविधाएं और साधन भी नहीं होते हैं। जमाव बिंदु के तापमान में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे स्कूल कैसे जाते होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। सर्दी को देखते हुए जिला कलेक्टरों ने स्कूलों में अवकाश भी घोषित नहीं किया है। अधिकांश कलेक्टर सरकार की गाइड लाइन को लेकर लकीर के फकीर ही बने हुए हैं। सरकार को सर्दी के सितम को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में अवकाश घोषित करना चाहिए।

शैक्षिक सम्मेलन भी स्थगित:

राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन के प्रदेश अध्यक्ष विजय सोनी ने बताया कि 21 व 22 जनवरी को होने वाले शिक्षक संघों के राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलनों को सरकार ने स्थगित कर दिया है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कानाराम ने आदेश जारी कर दिए है। सोनी ने बताया कि सरकार की कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए उनके संघ ने भी शैक्षिक सम्मेलन स्थगित करने की मांग की थी। सरकार को बताया गया कि इन सम्मेलनों में प्रदेश भर के हजारों शिक्षक शामिल होते हैं, लेकिन सरकार ने सिर्फ 50 व्यक्तियों के एकत्रित होने की छूट दे रखी है, इसलिए कोरोना काल में शैक्षिक सम्मेलन नहीं हो सकते। शैक्षिक सम्मेलन स्थगित होने के मामले में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829087912 पर विजय सोनी से ली जा सकती है।

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