जीएसटी काउंसिल की आज होने वाली 44वीं बैठक में कोरोना के इलाज में काम आने वाले चिकित्सा उपकरणों पर लगने वाले जीएसटी की दर में कटौती करने के फैसले पर मोहर लगने की उम्मीद है। इस संबंध में मंत्रियों का समूह (जीओएम) अपनी सिफारिशें सात जून को ही दे चुका है। आज की बैठक में ही जानलेवा ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली दवाओं पर जीएसटी की दर में कटौती करने का फैसला लिया जा सकता है। जीएसटी काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी भाग लेंगे। इनके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल होंगे। आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल की 28 मई को हुई पिछली बैठक में कोरोना के इलाज में काम आने वाले चिकित्सीय उपकरणों और जरूरी चीजों पर लगने वाली जीएसटी की दरों में कटौती करने का मुद्दा प्रमुखता के साथ उठाया गया था। इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद अलग अलग राज्यों के मंत्रियों को मिलाकर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (जीओएम) का गठन कर दिया गया था। मंत्रियों के इस समूह को कोरोना के इलाज में काम आने वाले और इसके रोकथाम के लिए जरूरी वस्तुओं और उपकरणों पर लगने वाले जीएसटी की दर में कटौती करने के संबंध में विचार करने और जीएसटी काउंसिल को रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी दी गई थी। मंत्रियों के इस समूह की अगुवाई मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा कर रहे थे। इसके अलावा इस समूह में गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, उड़ीसा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी, तेलंगाना के वित्त मंत्री हरीश राव, केरल के वित्त मंत्री केएन बालागोपाल और गोवा के परिवहन एवं पंचायती राज मंत्री मुवीन गोडिन्हो को शामिल किया गया था। मंत्रियों के इस समूह को मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर, हैंड सैनिटाइजर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, पीपीई किट, फेस मास्क और उपचार संबंधी अन्य उपकरणों पर लगने वाले जीएसटी की दर में कटौती करने या उसमें छूट देने के बारे में अपनी रिपोर्ट देनी थी। मंत्रियों के इस समूह ने अपनी रिपोर्ट सात जून को ही सौंप दी है। आज होने जा रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसी रिपोर्ट के आधार पर विचार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मंत्रियों के समूह ने अपनी सिफारिश में साफ किया है कि कोरोना के रोकथाम के काम में इस्तेमाल होने वाले सामानों और उपकरणों पर जीएसटी की दरें घटाई जानी चाहिए। इस समूह ने कोरोना के इलाज में काम आने वाले अधिकांश सामानों पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने की सलाह दी है। वहीं इस समूह ने कोरोना के रोकथाम के लिए इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन पर लगाई जाने वाली जीएसटी की दर तय करने का काम जीएसटी काउंसिल पर छोड़ दिया है। कोरोना की वैक्सीन पर अभी 5 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस दर को खत्म करने की जगह इसे घटाकर 0.1 फीसदी के न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है, ताकि वैक्सीन उत्पादकों को इनपुट क्रेडिट का फायदा मिलता रहे। आपको बता दें कि जीएसटी की दर शून्य कर देने से वैक्सीन उत्पादकों को इनपुट क्रेडिट नहीं मिल सकेगा, जिससे वैक्सीन की कीमत मौजूदा स्तर से ज्यादा हो जाएगी। बताया जा रहा है कि इस मंत्री समूह ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए काम आने वाली जिन सामग्रियों और उपकरणों पर जीएसटी की दर कम करने की सिफारिश की है, उनमें कोरोना की टेस्टिंग किट, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर शामिल है। मंत्रियों के समूह ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही दवा को भी टैक्स के न्यूनतम दायरे में लाने का प्रस्ताव किया है।
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.