प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार कोविड-19 के टीकों के उत्पादन, उसकी आपूर्ति व उसके इस्तेमाल में सुधार लाने के लिए लगातार और अथक प्रयास कर रही है। टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तौर पर, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) ने कोविड-19 के टीकों की बैच-टेस्टिंग और उन्हें जारी करने के लिए एक और प्रयोगशाला को मंजूरी दे दी है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएबी) को केन्द्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) के रूप में कोविड-19 टीकों की जांच और उन्हें जारी करने के लिए अधिकृत किया है।
भारत में कोविड-19 टीकाकरण में वितरण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए 11 नवंबर, 2020 को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी। उस बैठक में विभिन्न मंत्रालयों और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) जैसे विभागों को स्वास्थ्य मंत्रालय को यह बताने के लिए कहा गया था कि क्या उनकी किसी प्रयोगशाला को केन्द्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) के रूप में इस्तेमाल करने के लिए परिवर्तित किया जा सकता है।
गहन विचार-विमर्श के बाद, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने इस उद्देश्य के लिए दो प्रयोगशालाओं- राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएबी) और पुणे स्थित राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (एनसीसीएस)- के नाम का प्रस्ताव रखा। इन दोनों प्रयोगशालाओं के उन्नयन के लिए प्रधानमंत्री केयर्स फंड ट्रस्ट (पीएम-केयर्स) से धन आवंटित किया गया।
केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएबी) को केन्द्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) के रूप में अधिसूचित करने के लिए एक मसौदा अधिसूचना केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पेश किया था जिसके जवाब में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएबी) को केन्द्रीय औषधि प्रयोगशाला के रूप में अधिसूचित किया है।
यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि पुणे स्थित राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (एनसीसीएस) को पहले ही 28 जून, 2021 को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय औषधि प्रयोगशाला के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है।
केन्द्रीय औषधि प्रयोगशालाओं के रूप में इन दोनों प्रयोगशालाओं की अधिसूचित किए जाने से टीकों के उत्पादन में सुधार होगा और अंततः टीकाकरण अभियान को मजबूती मिलेगी।
****
एमजी/एएम/आर/एसके
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.