क्या शराब पीकर जन अनुशासन पखवाड़े को सफल बनाया जा सकता है ?

क्या शराब पीकर जन अनुशासन पखवाड़े को सफल बनाया जा सकता है ?

शराब विक्रेताओं ने बदलवाया राजस्थान सरकार का आदेश। अब लॉकडाउन में सायं 5 बजे तक खुली रहेंगी शराब की दुकानें। घर से बाहर निकलने का एक और बहाना।
क्या शराब पीकर जन अनुशासन पखवाड़े को सफल बनाया जा सकता है?
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प्रदेश के शराब विक्रेताओं में कितना दम है इसका अंदाजा राजस्थान सरकार के आदेश में बदलाव से पता चलता है। गांधीवादी माने जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन आने वाले गृह विभाग ने 18 अप्रैल को आधी रात को 15 दिन का लॉकडाउन का आदेश जारी किया, उसमें शराब की दुकानों का खोलने का जिक्र नहीं था। यानी प्रदेश में 3 मई तक शराब की दुकानें भी बंद रहेंगी। गृह विभाग का यह आदेश शराब विक्रेताओं को पसंद नहीं आया। विक्रेताओं का कहना रहा कि जब हम करोड़ों रुपए की रॉयल्टी देते हैं, तब सरकार के लॉकडाउन में दुकानें क्यों बंद रखें। भले ही ऐसा लॉकडाउन कोरोना संक्रमण के कारण ही लिया हो। विक्रेताओं ने तत्काल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ध्यान आकर्षित किया। शराब विक्रेताओं के दबाव और सरकार को होने वाली आय को ध्यान में रखते हुए गहलोत ने गृह विभाग के अधिकारियों को लॉकडाउन के आदेश में संशोधन करने को कहा। सरकार के आदेश संशोधित होते ही आबकारी आयुक्त जोगाराम ने प्रदेश में शराब की दुकानें खोलने के आदेश जारी कर दिए। इधर आदेश पर हस्ताक्षर हुए उधर प्रदेशभर में शराब की दुकानों के शटर ऊंचे हो गए। इसे शराब विक्रेताओं की ताकत ही कहा जाएगा कि दोपहर 12 बजे तक तो प्रदेशभर में देशी अंग्रेजी शराब की दुकानें खुल गई। गांधीवादी माने जाने वाले मुख्यमंत्री गहलोत अब सरकार के राजस्व के कितने भी तर्क दें, लेकिन इन्हीं मुख्यमंत्री ने 15 दिन के लॉकडाउन को जन अनुशासन पखवाड़े का नाम दिया है। सवाल उठता है कि क्या शराब पीकर अनुशासन की पालना की जा सकती है? पुलिस में दर्ज मुकदमों का रिकॉर्ड देखा जाए तो अधिकांश झगड़े शराब पीने या शराब के कारण ही हुए हैं। सीएम गहलोत का तर्क है कि लोग अपने घरों से नहीं निकलें, इसलिए लॉकडाउन लगाया जा रहा है। शराब की दुकानें खोल कर क्या लोगों को घर से बाहर निकलने का अवसर नहीं दिया जा रहा? जब शराब जैसी बुराई खरीदने के लिए लोग घर से बाहर निकल सकते हैं तो फिर किस बात का लॉकडाउन? लोगों को घर से बाहर निकलने के कई अवसर पहले ही दिए जा चुके हैं। इसलिए 19 अप्रैल को प्रदेशभर की सड़कों पर भीड़ देखी गई। सरकार ने भले ही बाजार बंद करवा दिए हों, लेकिन सब्जी मंडी से लेकर शराब की दुकानों तक भीड़ देखी जा सकती है।

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