भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने गुजरात के अहमदाबाद और आणंद क्षेत्रों में स्थित कुओं के निर्दिष्ट स्थल की बहाली के लिए वर्ष 2017-18 में गेल द्वारा जारी निविदा में बोली संबंधी हेराफेरी करने के लिए आपस में सांठगांठ में लिप्त होने के कारण दो कंपनियों यथा पीएमपी इन्फ्राटेक प्रा. लि. और रति इंजीनियरिंग के खिलाफ एक अंतिम आदेश सुनाया है।
डीजी द्वारा एकत्र किए गए जांच और इलेक्ट्रॉनिक/दस्तावेजी साक्ष्य के साथ-साथ रिकॉर्ड पर उपलब्ध अन्य साक्ष्यों के आधार पर सीसीआई ने यह पाया कि ये दोनों कंपनियां गेल द्वारा जारी निविदा के संबंध में और यहां तक कि अपनी-अपनी बोलियां जमा करने के बाद भी एक-दूसरे के साथ नियमित रूप से संपर्क में थीं। इसके अलावा, इन दोनों कंपनियों की बोलियां महज एक दिन के अंतराल पर अहमदाबाद स्थित पीएमपी इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के परिसर से एक ही आईपी पते से जमा की गईं। सीसीआई ने पाया कि इस तरह का आचरण करके प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 3(1) के साथ-साथ धारा 3(3)(डी) के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है जिसके तहत बोली में हेराफेरी करने सहित प्रतिस्पर्धा-रोधी समझौते करने की मनाही है।
सीसीआई ने पीएमपी इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड पर 25 लाख रुपये, रति इंजीनियरिंग पर 2.5 लाख रुपये और इन कंपनियों का प्रबंधन एवं नियंत्रण करने वाले संबंधित व्यक्तियों पर क्रमश: 1 लाख रुपये एवं 50 हजार रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, इस तरह की गैर कानूनी गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश सुनाया है।
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एमजी/एएम/आरआरएस/डीवी
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