केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने आज 10 राज्यों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इन राज्यों में केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, मिजोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश और मणिपुर हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन राज्यों में कोविड-19 की निगरानी, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए किए गए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा की। ये राज्य या तो नए दैनिक कोविड मामलों में बढ़ोतरी या संक्रमण दर में वृद्धि की रिपोर्ट कर रहे हैं। इस समीक्षा बैठक में आईसीएमआर के महानिदेशक (डीजी) डॉ. बलराम भार्गव और सचिव (डीएचआर) भी उपस्थित थे। इनके अलावा इसमें इन सभी राज्यों के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य), मिशन निदेशक (एनएचएम), राज्य निगरानी अधिकारी ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव ने महत्वपूर्ण कोविड नियंत्रण व प्रबंधन रणनीतियों को निम्नानुसार रेखांकित किया है :
आईसीएमआर के महानिदेशक ने पिछले हफ्ते से प्रतिदिन लगभग 40,000 मामलों की रिपोर्ट को देखते हुए किसी भी तरह की संतुष्टि के खिलाफ चेतावनी दी है। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि 46 जिलों में 10 फीसदी से अधिक संक्रमण दर है, वहीं अन्य 53 जिलों में 5 फीसदी से 10 फीसदी के बीच संक्रमण दर है, उन्होंने राज्यों से अपने परीक्षण में तेजी लाने का आग्रह किया। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे जिला-वार रोग प्रसार डेटा के लिए खुद के राज्य स्तरीय सीरो-सर्वेक्षण करें, क्योंकि सर्वेक्षण के समान ठोस प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने के लिए आईसीएमआर के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर का सीरो-प्रसार सर्वेक्षण प्रकृति में भिन्न था। उन्होंने राज्यों को 60+ और 45-60 आयु वर्गों में टीकाकरण में तेजी लाने की सलाह दी, क्योंकि साक्ष्य से पता चलता है कि मृत्यु दर का लगभग 80 फीसदी हिस्सा इन्हीं कमजोर आयु समूहों से है। प्रवर्तन उपायों के संबंध में, उन्होंने राज्य के अधिकारियों को सभी गैर-जरूरी यात्रा से बचने और लोगों की सभी बड़ी सभाओं को हतोत्साहित करने की सलाह दी है।
विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से, इन राज्यों में अत्यधिक प्रभावित जिलों (चिंताजनक जिलों) का एक गहन विश्लेषण, कोविड-19 टीकाकरण कवरेज, वेंटिलेटर की स्थिति, पीएसए संयंत्र, ऑक्सीजन सिलेंडर व कंसंट्रेटर को कुछ प्रमुख आंकड़ों के साथ प्रस्तुत किया गया।
वहीं राज्यों को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों (अन्य देशों से भारत में नए वेरिएंट/म्यूटेंट के प्रवेश के लिए) की जांच को लेकर जीनोमिक निगरानी के लिए इन्साकॉग प्रयोगशाला नेटवर्क का उपयोग करने और प्रहरी साइटों (कोविड मामलों का प्रबंधन करने वाले आरटी-पीसीआर प्रयोगशाला या द्वीतीयक व तृतीयक देखभाल अस्पताल) व बढ़ोतरी की निगरानी के माध्यम से संचालित निगरानी पर नजर रखने के लिए कहा गया।
राज्यों को सलाह दी गई कि:
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एमजी/एएम/एचकेपी/सीएस
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