बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के सफल संचालन के लिए राज्यों को पीएफएमएस पोर्टल से जोड़े केन्द्र सररकार – महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के सफल संचालन के लिए राज्यों को पीएफएमएस पोर्टल से जोड़े केन्द्र सररकार – महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के सफल संचालन के लिए राज्यों को पीएफएमएस पोर्टल से जोड़े केन्द्र सररकार – महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री
जयपुर,17 सितंबर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के सफल संचालन के लिए राज्यों को पीएफएमएस पोर्टल से जोड़ा जाना बहुत जरूरी है, जिससे से इस योजना के तहत केन्द्र सररकार मिलने वाली राशि की बेहतर निगरानी हो और सहीं जगह पर खर्च किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत केन्द्र से हर जिले को प्रचार प्रसार के लिए 50 लाख रूपए मिलते हैं। जिसे निश्चित मद में खर्च करना होता लेकिन राज्यों को पीएफएमएस पोर्टल से नहीं जोड़े जाने की वजह से उसकी ठीक से पर्यवेक्षण नहीं हो पाता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केन्द्र सरकार को इस पोर्टल में शामिल करने का प्रस्ताव भी भेजा गया है।
श्रीमती भूपेश प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थी। उन्होंने सदन को बताया कि इस योजना के तहत प्रथम किस्त जो कि 25 लाख की होती है उसे खर्च करने के बाद ही दूसरी किश्त जारी होती है और ये राशि भी अलग- अलग वर्षों में अलग-अलग महीनों में आती है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में समय-समय पर केन्द्र सरकार को विभिन्न प्रस्ताव भेजे गए हैं जिसमें ये भी प्रस्ताव है कि जो लड़किया शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर रही है उन्हें लैपटॉप या डायरेक्ट कैश बैनिफिट जैसी स्कीम का फायदा भी दिया जा सकता है।
इससे पहले विधायक श्रीमती सफिया जुबेर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्रीमती भूपेश ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा अलवर जिले के लिये वर्ष 2016-17 में 17 लाख 41 हजार 142 रूपए, वर्ष 2017-18 में 32 लाख 23 हजार रूपए, वर्ष 2018-19 में 24 लाख रूपए, वर्ष 2019-20 में 24 लाख 50 हजार रूपए, वर्ष 2020-21 में 25 लाख रूपए खर्च किए गए।
 उन्होंने बताया कि भारत सरकार की बीबीबीपी गाइडलाइन के अनुसार राशि का आवंटन किया जाता है। उन्होंने इसका विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि  अलवर जिले के लिए वर्ष 2018-19  में कुल 24 लाख रूपए की राशि प्राप्त हुयी जिसमें से 4 लाख 15 हजार 878 रूपए खर्च किए गए, वर्ष 2019-20 में 24 लाख 50 हजार रूपए की राशि प्राप्त हुयी जिसमें से 14 लाख 73 हजार 364 रूपए खर्च किए गए जबकि वर्ष 2020-21 में 25 लाख की राशि में से 12 लाख 17 हजार 178 रूपए खर्च किए गए। श्रीमती भूपेश ने बताया कि वर्षवार उपलब्ध करायी गयी राशि में से व्यय उपरान्त अवशेष बची राशि बैंक खाते में जमा रहती है। अतः राशि लैप्स नहीं हुई है एवं न ही कोई अधिकारी दोषी है।

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