‘सीआईएसएफ आजादी का अमृत महोत्सव साइकिल रैली’ पुणे की यरवदा जेल से शुरू

‘सीआईएसएफ आजादी का अमृत महोत्सव साइकिल रैली’ पुणे की यरवदा जेल से शुरू

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) देश के विभिन्न हिस्सों में 10 साइकिल रैलियों का आयोजन कर रहा है। सभी रैलियां दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन नई दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर समाप्त होंगी। रैलियों का आयोजन देश के युवाओं को लक्षित करके किया जा रहा है ताकि उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों की वीरगाथाओं और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों द्वारा दिए गए बलिदानों से अवगत कराया जा सके।

इन 10 रैलियों में से सबसे लंबी रैली को आज, चार सितंबर, 2021 को पुणे की यरवदा जेल से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यरवदा जेल वह जगह है जहां ऐतिहासिक पूना अधिनियम पर हस्ताक्षर किए गए थे जब गांधीजी ने पृथक निर्वाचन के विरोध में उपवास किया था। उन्हें इस जेल में तीन बार रखा गया था। उन्हें यहां 1932 और 1942 में रखा गया। 1942 में उन्हें भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ यहां रखा गया था।

 

पुणे की यरवदा जेल से रैली को आज पुणे के सांसदश्री गिरीश बापट की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस दौरान प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी श्री धनराज पिल्लै; स्वतंत्रता सेनानी श्री वसंत प्रसाद; सीआईएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक श्री अनिल कुमार; सीआईएसएफ के महानिरीक्षक, श्री केएन त्रिपाठी सहित सीआईएसएफ के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस अधिकारी, अन्य गणमान्य व्यक्ति और साइकिलिंग प्रेमी भी उपस्थित थे।

सभी गणमान्य व्यक्तियों और पुणे शहर के साइकिलिंग प्रेमियों ने साइकिल चालकों को शुभकामनाएं दीं और साइकिल रैली को भव्य विदाई दी।

 

 

साइकिल रैली का मार्ग स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों को शामिल करते हुए तैयार किया गया है। साइकिल रैली यरवदा जेल पुणे से शुरू हुई और 27 दिनों की अवधि में लगभग 1,703 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए राजघाट, दिल्ली में समाप्त होगी। साइकिलिंग टीम के दल में दो वाहनों सहित कुल 26 सीआईएसएफ कर्मी शामिल हैं। इन 26 लोगों में 10 साइकिल चालक और 16 प्रशासनिक सहायक कर्मचारी हैं।

 

 

रास्ते में, रैली ने पुणे के आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कैद में रखा गया था। यह वह स्थान है जहां गांधीजी आठ अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो का आह्वान करने के बाद 21 महीने तक रहे। इस अवधि के दौरान, महात्मा गांधी ने अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी और अपने सचिव नारायण देसाई को खो दिया। इन दोनों की समाधि प्रसिद्ध वास्तुकार चार्ल्स कोरिया द्वारा निर्मित पुणे के इस भव्य महल में स्थित है।

रैली कल स्वतंत्रता सेनानी राजगुरु की जन्मस्थली राजगुरुनगर भी जाएगी। यह महाराष्ट्र के संतवाड़ी, संगमनेर, नासिक में भारतीय सुरक्षा प्रेस, चांदवाड़, अरवी कस्बे और शिरपुर फाटा से भी गुजरेगी।

15वें दिन साइकिल रैली भोपाल पहुंचेगी। उपनिरीक्षक धीरज कुमार जेनिस के नेतृत्व में साइकिल चालकों की टीम 24वें दिन मध्य प्रदेश के धौलपुर से उत्तर प्रदेश के आगरा के लिए रवाना होगी।

रैली के दायरे में आने वाले कुछ ऐतिहासिक स्थलों में राजगुरुनगर, महाराष्ट्र (स्वतंत्रता सेनानी राजगुरु का जन्मस्थान), भावरा, मध्यप्रदेश (चंद्रशेखर आजाद का जन्मस्थान) और शिवपुरी, मध्यप्रदेश (तात्या टोपे का मृत्युस्थल) शामिल हैं।

कार्यक्रम का आयोजन कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करते हुए किया जा रहा है।

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एमजी/एएम/पीके/सीएस

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