यह स्पष्टीकरण बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के लिपिक संवर्ग में भर्ती की परीक्षा आयोजित करने के लिए दिए गए विज्ञापन के संबंध में मीडिया के एक वर्ग में प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के संदर्भ में है, जिसमें कहा गया है कि यह परीक्षा केवल दो भाषाओं अर्थात अंग्रेजी और हिंदी में होगी, इस तथ्य के बावजूद कि 22 भाषाओं को भारत के संविधान द्वारा मान्यता दी गई है। समाचार रिपोर्ट में 2019 में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा दिए गए एक बयान का उल्लेख किया गया है, जब उन्होंने स्थानीय भाषाओं में बैंकिंग परीक्षा आयोजित करने का आश्वासन दिया था।
उपरोक्त संदर्भ में, यह स्पष्ट किया जाता है कि वित्त मंत्री काउक्त बयान केवल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के संदर्भ में था। रोजगार के मौकों का लाभ उठाने के सन्दर्भ में, स्थानीय युवाओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए, सरकार ने 2019 में निर्णय लिया था कि आरआरबी में कार्यालय सहायक और अधिकारी स्केल की भर्ती के लिए, हिंदी तथा अंग्रेजी के अलावा कोंकणी और कन्नड़ सहित 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित की जाएगी। तब से इन भर्तियों के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में भी परीक्षाएँ आयोजित की जा रही हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के लिपिक संवर्ग के लिए स्थानीय/क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने की मांग पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो इस मामले पर संपूर्णता के साथ विचार करेगी। समिति 15 दिनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी। आईबीपीएस द्वारा परीक्षा आयोजित करने की वर्त्तमान में जारी प्रक्रिया को समिति की सिफारिशें उपलब्ध होने तक स्थगित रखा जाएगा।
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