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वैटलेंड को चिन्हिकरण कर सरंक्षण के कार्य को प्राथमिकता से किया जाए- वन एवं पर्यावरण मंत्रीजयपुर, 20 अक्टूबर। वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री सुखराम विश्नोई ने राज्य में वैटलेंड (आद्र्र भूमि) को चिन्हिकरण कर उन्हें संरक्षित रखने के निर्देश दिये है ताकि विभाग आपसी तालमेल एवं समयबद्वता से इस कार्य को सुनिश्चित कर सके। श्री विश्नोई बुधवार को सचिवालय के कॅान्फ्रेंस हॉल में राज्य वैटलैंड प्राधिकरण की तीसरी समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी जिले राज्य में वैडलेंड का चिन्हिकरण कर शीघ्र विभाग को भिजवाएं जिससे इनके संरक्षण का कार्य शीघ्रता से किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में वैटलेंड की परिभाषा को सरल एवं समझने लायक बनाया जाए जिससे जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं आमजन को समझ में आए तथा वे प्राकृतिक सौन्दर्य को बढ़ाने वाले वैटलेंड की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभा सकें।उन्हाेंने निर्देश दिए कि विभाग को इस संबंध में लगातार बैठकें करनी चाहिए, साथ ही वैटलेंड के संरक्षण के संबंध में प्रचार- प्रसार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांभर झील के लिए नवगठित सांभर झील प्रबंधन एंजेसी द्वारा सांभर झील को रामसर साइट के रूप में संरक्षित रखना, झील के पारिस्थितिकी तंत्र एवं जेनेटिक विविधता को बनाए रखना तथा झील के आसपास अतिक्रमण को हटाने सहित विभिन्न कार्य किए जाएंगे ।इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए राज्य में वैटलेंड की काफी गुजांइश है ऎसे में अधिकारियों को शीघ्र इस संबंध में सर्वे कर केन्द्र सरकार से अधिसूचित करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में एक भी वेटलेंड की सूचना विभाग को नहीं है, वहां अधिकारियों को पुनः समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक कार्य समयबद्व सीमा में सुनिश्चित करना चाहिए। बैठक में स्टेट वेटलैण्ड ऑथोरिटी की भूमिका, नवगठित साभंर झील प्रबंधन एजेन्सी के कार्य, राज्य में आर्द्रभूमि (वेटलैण्ड) की स्थिति एवं एसआरएसएसी जोधपुर द्वारा वेटलैण्डस का डिजिटाईजेशन कार्य, लेक ऑथोरिटी का उत्तरदायित्व सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।बैठक में पर्यावरण प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने विस्तार से राज्य वैटलेंड प्राधिकरण के कार्य को प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदर्शित किया। बैठक में नगरीय विकास प्रमुख शासन सचिव श्री कुंजीलाल मीणा, पंचायती राज सचिव श्री पी. सी. किशन, उद्योग, विनियोजन अतिरिक्त आयुक्त सुश्री रुकमणि रियार, पर्यावरण विभाग के सचिव श्री पी. के. उपाध्याय सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। —-
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