साइबर अधिनियम, अपराध जांच और डिजिटल फोरेंसिक पर ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए साइबर प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी

साइबर अधिनियम, अपराध जांच और डिजिटल फोरेंसिक पर ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए साइबर प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के तहत राष्ट्रीय ई-शासन प्रभाग (एनईजीडी) ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू), दिल्ली और राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू), भोपाल के साथ साइबर कानून, अपराध जांच और डिजिटल फोरेंसिक पर ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए एक साइबर लैब स्थापित करने के लिए आज नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

राष्ट्रीय ई शासन प्रभाग की ओर से श्री अभिषेक सिंह, अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एनईजीडी, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली की ओर से प्रो. श्रीकृष्ण देव राव और राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल की ओर से प्रो. (डॉ.) वी. विजयकुमार द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। श्री अजय प्रकाश साहनी, सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, श्री अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि इस कार्यक्रम को कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायपालिका से भी कानून प्रवर्तन के व्यापक क्षेत्र से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। एक ऑनलाइन कार्यक्रम होने के नाते, इसमें अपार संभावनाओं की क्षमता है। कार्यक्रम के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण के संबंध में श्री साहनी ने कहा कि अन्य विधि विद्यालयों को भी फोरेंसिक प्रयोगशालाओं के हब एंड स्पोक डिजाइन से जोड़ा जाएगा।

इस कार्यक्रम का लक्ष्य पुलिस अधिकारियों, राज्य साइबर प्रकोष्ठों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों को सक्षम बनाना है ताकि वे सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं, मानकों और दिशानिर्देशों को अपनाते हुए भारतीय साइबर कानून के अनुसार साइबर फोरेंसिक मामलों से कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक कौशल हासिल कर सकें। एनईजीडी ने एनएलआईयू भोपाल के सहयोग से अपने अधिगम प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) के माध्यम से 1000 अधिकारियों को 9 महीने का ऑनलाइन पीजी डिप्लोमा प्रदान करने की पहल की है। कार्यक्रम शिक्षार्थियों को कभी भी कहीं भी चलते-फिरते सीखने का अनुभव करने में सक्षम बनाता है। पहला बैच नवंबर 2020 में शुरू हुआ था, जिसमें कुल 579 प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम के लिए मंजूरी प्रदान की गई थी।

इस कार्यक्रम के अनुसार, प्रत्येक नामांकित प्रतिभागी को इस पाठ्यक्रम को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) दिल्ली के परिसर में स्थापित की जाने वाली निर्दिष्ट साइबर प्रयोगशाला में व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र और व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम से गुजरना होगा। प्रस्तावित साइबर प्रयोगशाला हाइब्रिड संरचना से लैस होगी जो साइबर कानून, साइबर अपराध जांच और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण के वर्चुअल और फिजिकल मोड दोनों को सपोर्ट करती है। प्रयोगशाला के एक प्रशिक्षण कक्ष में 25 उपयोगकर्ताओं की क्षमता होगी और एआर/वीआर सुविधाओं के साथ एक निश्चित समय पर 25 उपयोगकर्ताओं के लिए रिमोट कनेक्टिविटी की भी सुविधा होगी। अन्य विधि स्कूल/विश्वविद्यालय जैसे भारतीय राष्ट्रीय विधि स्कूल विश्वविद्यालय (बैंगलोर), राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (पटियाला), आदि भविष्य के प्रयासों के लिए हब एंड स्पोक मॉडल में शामिल होंगे। विधि स्कूल वर्चुअल माध्यम से आयोजित होने वाली कक्षाओं के लिए आवश्यक संकाय सदस्यों, विशेषज्ञता और सामग्री प्रदान करेंगे। राष्ट्रीय ई-शासन प्रभाग (एनईजीडी) संकाय सदस्यों से प्राप्त समर्थन के आधार पर ई-सामग्री विकसित करेगा। एनएलआईयू, भोपाल पाठ्यक्रम के लिए प्रमुख शैक्षणिक भागीदार होने के नाते, सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा करने वाले प्रतिभागियों को परास्नातक डिप्लोमा प्रमाणपत्र प्रदान करेगा।

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