आजादी का अमृत महोत्सव (भारत@75) के तहत गतिविधियों के एक हिस्से के रूप में, विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग ने 27 अक्टूबर, 2021 को विकलांग व्यक्तियों और राज्य के सशक्तिकरण से संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों के साथ एक वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया। वहीं, राज्य के नोडल अधिकारी विकलांग व्यक्तियों के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए विभाग द्वारा लागू की जा रही छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में राज्यों को जागरूक करेंगे। डॉ. प्रबोध सेठ, संयुक्त सचिव (छात्रवृत्ति) ने छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में जानकारी फैलाने और स्थानीय स्तर पर विज्ञापनों के माध्यम से प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता पर बल दिया। जैसा अब केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आधार अनिवार्य है, उन्होंने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आवेदन के समय लाभार्थियों की आधार संख्या दर्ज की जाए। इसके अलावा यह प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों पर निर्भर है कि वे एनएसपी पर अपनी केवाईसी स्थिति को अपडेट करें, अन्यथा संस्थान आवेदनों को सत्यापित करने में सक्षम नहीं होंगे।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अपने वीडियो संदेश के माध्यम से एक समावेशी समाज के निर्माण और दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण, “सबका साथ सबका विकास” मंत्र को दोहराया।
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निदेशक ने कहा कि जिला स्तर पर इन छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में जन जागरूकता पैदा करने में जिला कलेक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
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एमजे/एएम/एके/एसएस
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