राहुल गांधी की मौजूदगी के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए। तो क्या पांच माह के लिए पंजाब में दलित वर्ग का मुख्यमंत्री बना है?

राहुल गांधी की मौजूदगी के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए। तो क्या पांच माह के लिए पंजाब में दलित वर्ग का मुख्यमंत्री बना है?

राहुल गांधी की मौजूदगी के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए।
तो क्या पांच माह के लिए पंजाब में दलित वर्ग का मुख्यमंत्री बना है?
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20 सितंबर को चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी उपस्थित रहे। लेकिन निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नहीं आए। नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान मुख्यमंत्री के उपस्थित रहने की परंपरा है। भले ही विपक्षी दल का कोई विधायक मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहा हो। 20 सितंबर को तो चंडीगढ़ के राजभवन में कांग्रेस के विधायक चन्नी ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने परपंरा कोई ही नहीं निभाया, बल्कि राहुल गांधी की उपस्थिति को भी नजरअंदाज किया। इससे प्रतीत होता है कि कैप्टन की नाराजगी बनी हुई है। अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को जब मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था, तब भी यह कहा था कि उन्हें राजीव गांधी ही कांग्रेस में लाए थे। उस समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तो बच्चे थे। लेकिन आज उन्हें अपमानित कर मुख्यमंत्री के पद से हटाया गया है। कैप्टन ने कहा था कि उनकी राजनीति के विकल्प खुले हुए हैं।
पांच माह के लिए दलित मुख्यमंत्री?:
19 सितंबर को जब चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री घोषित किया गया तो कांग्रेस की ओर से यह कहा गया कि उन्होंने पहली बार पंजाब में दलित वर्ग के विधायक को मुख्यमंत्री बनाया है। पंजाब में 32 प्रतिशत आबादी दलित वर्ग की है, लेकिन इस श्रेय पर कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने पानी फेर दिया। रावत ने कहा कि पांच माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस का चेहरा नवजोत सिंह सिद्धू होंगे। यानी सिद्धू के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। स्वाभाविक है कि जिस नेता के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाता है, उसे ही मुख्यमंत्री बनाया जाता है। जब सिद्धू के नेतृत्व में चुनाव लड़कर कांग्रेस को बहुमत मिलेगा तो सिद्धू ही मुख्यमंत्री बनेंगे। यानी चन्नी को सिर्फ पांच माह के लिए पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया गया है। हालांकि हरीश रावत के इस बयान पर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने एतराज कर दिया है। जाखड़ ने कहा कि हरीश रावत का यह बयान चन्नी को अपमानित करने वाला है। उन्होंने कहा कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि अगला चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

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