WhatsApp पर गलती से भी यह काम न करें, अब सरकार एक New System बना रही है
देश में अधिकांश मोबाइल फोन उपयोगकर्ता केवल मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप (WhatsApp) का उपयोग कर रहे हैं। यह भी सच है कि अधिकांश उपयोगकर्ता गोपनीयता नीति (Privacy Policy) के बारे में व्हाट्सएप (WhatsApp) से नाराज हैं। हालांकि व्हाट्सएप का दावा है कि आपके संदेश एन्क्रिप्टेड हैं। लेकिन इस बीच, केंद्र सरकार एक नया कानून लाने जा रही है। एक बार अवश्य पढ़ें वरना आपकी लापरवाही एक समस्या बन सकती है।
झूठ और अफवाह फैलाने वालों की खैर नहीं
टेक साइट टेलीकॉमटॉक (telecomtalk) के अनुसार, केंद्र सरकार देश में अफवाहों और झूठ के प्रसार को नियंत्रित करना चाहती है। इसके लिए भारत सरकार ने अब एक नया मसौदा तैयार किया है जिसकी मदद से व्हाट्सएप (WhatsApp) पर अफवाह फैलाने वालों को तुरंत पकड़ा जाएगा।
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप को अल्फा-न्यूमेरिक हैश असाइनिंग सिस्टम (WhatsApp से Alpha-Numeric Hash Assigning System) लागू करने के लिए कहा है। इस प्रणाली के लागू होने के बाद, अफवाह फैलाने वाले लोगों की तुरंत पहचान की जाएगी।
दरअसल अल्फा-न्यूमेरिक हैश असाइनिंग सिस्टम (Alpha-Numeric Hash Assigning System) के तहत हर मैसेज के साथ एक यूनिक नंबर जनरेट होगा। इस प्रणाली से, संदेश भेजने वालों को ट्रैक किया जा सकता है। सरकार का मानना है कि इससे प्राइवेसी पर असर पड़ेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि व्हाट्सएप (WhatsApp) वर्तमान में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (end-to-end encryption) तकनीक का उपयोग करता है। जिसके कारण केवल प्रेषक और रिसीवर संदेश देख सकते हैं। सरकार का कहना है कि नई व्यवस्था के लागू होने से निजता प्रणाली का उल्लंघन नहीं होगा।
व्हाट्सएप (WhatsApp) केंद्र सरकार के इस नए प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करना चाहता है। कंपनी का कहना है कि यह ऐप की गोपनीयता नीति का उल्लंघन करता है। जबकि भारत सरकार इस नए प्रस्ताव को देश की कानून व्यवस्था (Law and Order) से जोड़कर देख रही है।
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