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अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गठितउपखंड स्तरीय बैठकों का नियमित आयोजन सुनिश्चित करें – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रीजयपुर, 18 जनवरी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री टीकाराम जूली मंगलवार को यहां वर्चुअल बैठक आयोजित कर विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण योजना की समीक्षा की, साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संबंधी राज्य स्तरीय सलाहकार समिति तथा हाथ से मैला ढोने वाले कार्मिकों के नियोजन का प्रतिषेध और पुनर्वास संबंधी राज्य स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की।श्री जूली ने अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम यथा संशोधित नियम के तहत पीड़ित व्यक्तियों को राहत देने और उनके पुनर्वास की प्रगति की समीक्षा की। इसके तहत पीड़ित आश्रित को 47 प्रकरणों में 85 हजार रूपये से 8 लाख 25 हजार रूपये की राहत राशि देने का प्रावधान है। राहत की प्रक्रिया में तेजी के लिए इसे CCTNS(क्राइम एंड क्रिमिनल टै्रिंकंग नेटवर्क एंड सिस्टम) से एकीकृत किया गया है। साथ ही इसके लिए 13 दिसम्बर 2021 से हैल्पलाइन- टोल फ्री 1800-202-1989 अथवा शार्ट कोड 14566 की स्थापना की गई है।श्री जूली ने अधिनियम के तहत गठित विभिन्न स्तरीय समितियों की बैठक समय पर आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम अपनी पूर्ण भावना के साथ तभी लागू हो सकता है जब उपखंड स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की नियमित त्रैमासिक बैठकें आयोजित हो। उन्होंने गत एक वर्ष में हुई इन बैठकों का ब्यौरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने अत्याचार से संबंधित प्रकरणों में राहत और दोष सिद्धि के बकाया मामलों पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने इनकी विभिन्न स्तरों पर यथा पुलिस थाना,जिलाधिकारी, एडीएम स्तर पर मॉनिटिंरंग कर अगली बैठक से पूर्व अधिक से अधिक प्रकरण निस्तारित करने पर जोर दिया। उन्होंने पीड़ितों को दिए जाने वाले भत्तों की भी विस्तृत जानकारी मांगी। प्रकरणों में दोषी के खिलाफ चालान की प्रक्रिया 60 दिन में पूरी करने तथा जिला कलेक्टर स्तर पर राहत राशि देने की प्रक्रिया 7 दिन में पूरी करने में हो रही देरी पर भी अप्रसन्नता व्यक्त की।सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित 32 जिलों के 1246 ग्रामों की ग्राम विकास योजना तैयार करने की प्रगति के संबंध में समीक्षा की।श्री जूली ने ग्राम पंचायत स्तर पर VDP तैयार करवाने के कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं पाए जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को इस पर विशेष ध्यान देकर इसे शीघ्र पूरा करवाने के लिए निर्देशित किया।उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करावें कि वास्तविक पात्रता रखने वाला कोई गांव इस योजना के अन्तर्गत शामिल होने से वंचित न रहे। उन्होंने कलेक्टर्स वीसी में इस विषय की समीक्षा करने की जरूरत बताई।श्री जूली ने हाथ से मैला ढोने वाले कार्मिकों के नियोजन का प्रतिषेध और पुनर्वास संबंधी कायोर्ं की समीक्षा की। उन्होंने इसके लिए ग्रामीण विकास और स्थानीय निकाय विभाग को पत्र लिखकर दो माह में इसके अन्तर्गत आने वाले व्यक्तियों का चिन्हीकरण/सर्वे कराने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने सैप्टिक/मैन हॉल,सीवरेज कार्यो के दौरान मृत्यु वाले 11 प्रकरणों में राहत देने संबंधी कार्य की तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इस बैठक में मनोनीत सदस्य, विधायक श्री जे.पी. चन्देलिया, गैर सरकारी मनोनीत सदस्य श्रीमती उषा चौमार और श्री रवि तरवाड़ी भी उपस्थित रहे।श्री जूली ने बैठक में अनुपस्थित रहने वाले विभागों के बारे में असंतोष व्यक्त करते हुए इनको नोटिस देने के भी निर्देश दिये। साथ ही भविष्य में सभी उपस्थित हों, यह सुनिश्चित करने को कहा।इस अवसर पर निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग श्री ओ. पी. बुनकर एवं योजना प्रभारी अतिरिक्त निदेशक श्री डी.पी. गुप्ता,गृह, विधि, स्थानीय निकाय, स्वायत्त शासन, पुलिस, ग्रामीण विकास विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे । —–
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