Description
राजीव गांधी जल संचय योजना के तहत स्वीकृत कार्यों को गुणवत्तापूर्ण करवाया जाना सुनिश्चित करें-ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रीजयपुर, 26 नवंबर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री रमेश मीना ने कहा कि राजीव गांधी जल संचय योजना एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य भू-जल स्तर में वृद्धि एवं जल संग्रहण के ढांचे तैयार करना है। योजना से जुड़े सभी विभागों द्वारा प्राथमिकता के साथ जल ग्रहण विकास के कार्य गुणवत्ता पूर्ण करवाया जाना सुनिश्चित करें।श्री मीना पंचायती राज मंत्री शुक्रवार को यहां इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित बैठक के दौरान जल ग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण एवं महात्मा गांधी नरेगा से जुड़े कार्यों की प्रगति की जिले वार समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि प्रदेश ने कई बार अकाल एवं सूखे की स्थिति का सामना किया है इसलिए पानी की जरूरत पूरे प्रदेश वासियों को रहती है। उन्होंने कहा कि नरेगा के तहत हुए कार्यों एवं जल संग्रहण ढांचों के निर्माण से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि नरेगा एवं जल ग्रहण विकास कार्यों के तहत निर्मित एनिकट, जोहड़, तालाब एवं नाड़ी आदि ढांचों का लाभ धरातल पर आमजन को मिलना चाहिेए।ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यो की जमीनी स्तर तक सतत् निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना से जुड़े सभी अधिकारी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए धरातल पर गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाएं।उन्होंने योजना के तहत जिलेवार श्रमिक नियोजन की विस्तार पूर्वक समीक्षा करते हुए कम श्रमिक नियोजन वाले जिलों में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत व्यक्तिगत लाभ के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए।उन्होंने कहा कि योजना के तहत करवाए गए कार्यो की गुणवत्ता की जांच हेतु क्वालिटी कंट्रोल लैब स्थापित किए जाएं। उन्होंने कहा कि योजना के तहत नवाचार भी किए जाए।जल ग्रहण एवं भू संरक्षण विभाग के निदेशक श्री आशीष गुप्ता ने राजीव गांधी जल संचय योजना के तहत वर्षा जल संग्रहण के कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पारदर्शिता एवं प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए जीआईएस तकनीक का उपयोग कर कार्यों का चयन एवं सभी कार्यों की जियो टैगिंग की जा रही है। ईजीएस आयुक्त श्री अभिषेक भगोतिया ने बताया कि योजना के अंतर्गत मानव दिवसों के सृजन में राज्य द्वारा 2021-22 में गत वर्ष की अपेक्षा राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा एक नवाचार किया गया है जिसके तहत रोजगार आवेदन प्रपत्र में 100 दिन के पूर्ण रोजगार का विकल्प भी दिया जा रहा है। इससे 100 दिन पूर्ण रोजगाार देने में वृद्धि होगी और यह विकल्प पखवाडे़ के अतिरिक्त होगा। —–
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.