सरकार द्वारा एफडीआई नीतिगत सुधारों, निवेश सुगमीकरण तथा व्यवसाय करने की सरलता के मोर्चे पर किए गए उपायों का परिणाम देश में बढ़े हुए एफडीआई प्रवाह के रूप में आया है।
भारत के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में निम्नलिखित रुझान वैश्विक निवेशकों के बीच एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उसकी स्थिति की पुष्टि करते हैं:
भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 के पहले तीन महीनों अर्थात अप्रैल, 2021 से जून 2021 के दौरान कुल 22.53 बिलियन डॉलर का एफडीआई प्रवाह आकर्षित किया है जो वित्त वर्ष 2020-21 के पहले तीन महीनों (11.84 बिलियन डॉलर) की तुलना में 90 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 2021-22 के पहले तीन महीनों (17.57 बिलियन डॉलर) में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में एक वर्ष पहले की इसी अवधि (6.56 बिलियन डॉलर) की तुलना में 168 प्रतिशत की बढोतरी हुई।
वित्त वर्ष 2021-22 के पहले तीन महीनों के दौरान कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 27 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ‘ऑटोमोबाइल उद्योग ‘शीर्ष क्षेत्र के रूप में उभरा जिसके बाद क्रमशः कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर (17 प्रतिशत) और सेवा क्षेत्र (11 प्रतिशत) का स्थान रहा।
ऑटोमोबाइल उद्योग ‘सेक्टर के तहत, चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले तीन महीनों के दौरान अधिकांश एफडीआई इक्विटी प्रवाह (88 प्रतिशत) कर्नाटक में दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2021-22 (जून, 2021 तक) के दौरान कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 48 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कर्नाटक शीर्ष प्राप्तकर्ता राज्य है जिसके बाद महाराष्ट्र (23 प्रतिशत) और दिल्ली (11 प्रतिशत) का स्थान रहा।
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एमजी/एएम/एसकेजे/सीएस
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