केन्द्रीय कोयला सचिव व एसीएस एनर्जी की जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक राजस्थान की मांग के अनुसार कोयला होगा, उपलब्ध, राज्य सरकार किसी भी मोड से कोल परिवहन करें सुनिश्चित-केन्द्रीय कोयला सचिव

केन्द्रीय कोयला सचिव व एसीएस एनर्जी की जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक राजस्थान की मांग के अनुसार कोयला होगा, उपलब्ध, राज्य सरकार किसी भी मोड से कोल परिवहन करें सुनिश्चित-केन्द्रीय कोयला सचिव

Description

केन्द्रीय कोयला सचिव व एसीएस एनर्जी की जयपुर में उच्च स्तरीय बैठकराजस्थान की मांग के अनुसार कोयला होगा, उपलब्ध,राज्य सरकार किसी भी मोड से कोल परिवहन करें सुनिश्चित-केन्द्रीय कोयला सचिव जयपुर, 25 नवंबर। केन्द्रीय कोयला सचिव श्री अनिल जैन ने विश्वास दिलाया है कि राजस्थान के थर्मल तापीय विद्युत गृहों के लिए कोयले की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए राजस्थान को उपलब्ध रेल व रोड किसी भी मोड से कोयले की अधिक से अधिक रैक मंगवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।  केन्द्रीय कोयला सचिव श्री अनिल जैन गुरुवार को विद्युत भवन में अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल के साथ संबंधित विभागों व संस्थाओं की उच्च स्तरीय बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोयले के भावों में तेजी के चलते आयातित कोयला अधिक महंगा होने से आयातित कोयला आधारित इकाइयों में कोयले की मांग में बढ़ोतरी हो गई है। इससे उनकी मांग बढ़ने से स्थानीय कोयला खानों पर दबाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि देश में अभी कोयले का संकट खत्म नहीं हुआ है ऎसे में जहां से भी और जिस माध्यम से भी कोयला उपलब्ध होे, तापीय विद्युत गृहों में भण्डारित कर लिया जाए ताकि कोयले की आसन्न कमी से विद्युत उत्पादन प्रभावित ना हो सके। उन्होंने आश्वस्त किया कि केन्द्र सरकार द्वारा कोयला की आपूर्ति में राजस्थान को पूरा सहयोग दिया जाएगा।  अतिरिक्त मुख्य सचिव, माइंस एवं एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने प्रभावी तरीके से राज्य का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य के तापीय विद्युत गृहोें के लिए कम से कम 20 दिन के कोयला के अग्रिम भण्डारण की आवश्यकता को देखते हुए आपूर्ति सुनिश्चित करवाई जाए। वर्तमान मेें राज्य के पास औसत सात दिन का स्टॉक भण्डारित हो रहा है।डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में लिग्नाईट के विपुल भण्डार है। उन्होंने नेवेली लिग्नाइट से राज्य सरकार के सम़क्ष ठोस प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया ताकि प्रदेश में संयुक्त आधार पर विद्युत उत्पादन की संभावनाओं को और अधिक बढ़ाया जा सके।  सीएमडी विद्युत उत्पादन निगम श्री आरके शर्मा ने कहा कि परसा ईस्ट एवं कांता बेसिन के दूसरे चरण की 1136 हैक्टेयर की केन्द्र सरकार से शीघ्र क्लीयरेंस दिलाई जाए ताकि कोयले का खनन कर तापीय विद्युत गृहोें के लिए कोयले की आपूर्ति बढ़ाई जा सके। उन्होंने कोल ब्लॉक की उत्पादन क्षमता को भी 40 प्रतिशत बढ़ाने की स्वीकृति दिलाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि परसा ब्लाम्क की पिदले दिनों केन्द्र सरकार के वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से क्लीयरेंस मिल गई है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से भी क्लीयरेंस दिलाने में सहयोग करने को कहा। चेयरमैन डिस्काम्स श्री भास्कर ए सावंत, एमडी आरएसएमएम श्री ओम कसेरा ने पीपीटी के माध्यम से विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्युत लागत में कमी और निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए निरंतर प्रयासरत है। बैठक में संयुक्त सचिव एनर्जी श्री आलोक रंजन, उप सचिव माइंस नीतू बारुपाल, विद्युत निगमों के निदेशकगण, राजस्थान माइंस एवं मिनरल्स, नेवेली लिग्नाइट सहित संस्थाओं के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।—-

G News Portal G News Portal
19 0

0 Comments

No comments yet. Be the first to comment!

Leave a comment

Please Login to comment.

© G News Portal. All Rights Reserved.